Last Updated on 12, April 2021 by Sri Dungargarh News
श्री डूंगरगढ़ न्यूज :-प्रदेश में लगातार हो रहे कोरोना विस्फोट के बाद से गहलोत सरकार अलर्ट मोड पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार कोरोना संक्रमण को लेकर समीक्षा बैठक लेकर हालात का जायजा ले रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सख्ती बरतने के संकेत संकेत दिए हैं, हालांकि उन्होंने लॉकडाउन से इनकार किया है लेकिन कड़े कदम उठाने की बात कही है।
एक या दो दिन में मुख्यमंत्री अशोक कड़े कदम उठाने जा रहे हैं
बताया जाता है कि एक या दो दिन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना को लेकर कड़े कदम उठाने जा रहे हैं, जिसके तहत नाइट कर्फ्यू का दायरा बढ़ाने के साथ ही कर्फ्यू के समय में भी बढ़ाया जाएगा। वहीं चर्चा यह भी है कि समीक्षा बैठकों के दौरान आए सुझावों पर भी गहलोत सरकार अमल करने जा रही है। कहा जा रहा है कि 1 या दो दिन में कोरोना संक्रमण को रोकने और हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी।
शाम 6 से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू पर विचार किया जा रहा है
सूत्रों की माने तो सरकार में उच्च स्तर पर कर्फ्यू का समय शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक करने पर विचार किया जा रहा है। सूत्र सूत्र बताते हैं कि कभी भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसका फैसला ले सकते हैं। इसके अलावा धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या 20 भी सीमित की जा सकती है। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघरों में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने पर चर्चा चल रही है।
इस सुझावों पर सरकार में गंभीरता के साथ मंथन चल रहा है
बताया जाता है कि जिन प्रमुख सुझावों को सरकार लागू कर सकती हैं, इन सुझावों पर सरकार में गंभीरता के साथ मंथन चल रहा है। कोरोना के लगातार चली समीक्षा बैठकों में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की ओर से कई सुझाव सरकार को दिए गए थे।
- इनमें वैवाहिक और सामाजिक आयोजनों में उपस्थित व्यक्तियों की संख्या 50 किए जाने
- नाइट कर्फ्यू की अवधि शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक की जाए
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में धार्मिक मेलों, उत्सवों, जुलूसों आदि पर रोक लगाने
- सरकारी कार्यालयों की तर्ज पर निजी कार्यालयों में उपस्थिति 75 फीसदी की जाए
- रेस्टोरेंट आदि में केवल टेक-अवे की सुविधा की अनुमति
- कोचिंग संस्थानों में कक्षा पर रोक लगाने का सुझाव
- स्कूलों और शैक्षणिक संस्थाओं में विद्यार्थियों को केवल परीक्षा के लिए प्रवेश दिए जाने
- बसों और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रियों की संख्या प्रचार 50 फीसदी जैसे सुझाव शामिल हैं।