श्री डूंगरगढ़ न्यूज़ जैसलमेर।। जैसलमेर के पास रामगढ़ तनोट रोड पर रविवार सुबह हुए हादसे में मारे गए 5 में से 3 लोगों का अंतिम संस्कार तेरह क्यू गांव में सोमवार को किया गया। हादसे में मृत पति-पत्नी और भाभी की अर्थियां घर से उठीं तो हर किसी की आंख नम हो गई। मृतक विशाल और उसकी पत्नी रिंकू का चार साल का बेटा जीवित बचा है, उसे देखकर गांव के लोग भावुक हो गए।
नियति देखिए कि इसी घर में रिंकू सहित तीन बहनें शादी करके आई थीं। इनमें से दो की हादसे में मौत हो गई। विशाल की भाभी और रिंकू की सगी बहन अंजू भी हादसे में नहीं रही। कुछ दिनों पहले ही उसका थर्ड ग्रेड शिक्षक के लिए चयन हुआ था।
मृतकों में शामिल विशाल की बहन वर्षिका भी हादसे का शिकार हुई है। उसका शव उसके ससुराल के गांव बशीर ले जाया गया, जबकि एक अन्य मृतक अर्जित के शव का अंतिम संस्कार श्रीगंगानगर में हुआ।
इस हादसे ने सिर्फ इस परिवार में एक साथ इतने रिश्ते खत्म कर दिए कि इस दर्द की भरपाई आजीवन नहीं हो पाएगी। दरअसल, रूपराम सहारण के बेटे विशाल से रिंकू का विवाह हुआ था। जबकि रिंकू की बड़ी बहन अंजू का विवाह रूपराम के बड़े भाई इंद्राज सहारण के पुत्र राजीव से हुआ था। इंद्राज सहारण की एक अन्य पुत्र वधु भी अंजू और रिंकू की बहन ही है। तीनों बहनों का विवाह एक ही घर में हुआ था। दोनों बहनों की मौत के बाद उनकी तीसरी बहन का रो-रोकर बुरा हाल है।
सोमवार सुबह करीब आठ बजे के आसपास शव गांव तेरह क्यू पहुंचे तो घर में कोहराम मच गया। विशाल के पिता रूपराम सहारण और माता तो बेटे का शव देखकर स्तब्ध रहे गए। परिवार के अन्य सदस्य भी लगातार विलाप कर रहे थे। विशाल के परिवार के साथ ही उसके ताऊ इंद्राज सहारण का परिवार रहता है। इंद्राज सहारण की पुत्र वधु अंजू का भी हादसे में निधन हो गया था। शवों को घर के आंगन में रखा गया।
शव पहुंचने के साथ ही लोगों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। रविवार सुबह हादसे के बाद पिता रूपराम को पांचों के गंभीर घायल होने की जानकारी दी गई। उन्हें शव पहुंचने से करीब दो घंटे पहले पांचों की मौत के बारे में बताया गया।
हादसे में पांच की हुई थी मौत
रविवार सुबह श्रीगंगानगर के गांव तेरह क्यू निवासी विशाला सहारण, उसकी पत्नी रिंकू सहारण, बहन वर्षिका, मौसेरे भाई अर्जित और ताऊ की पुत्र वधु अंजू की मौत हो गई थी।
दोस्त बोले जिंदादिल था विशाल
विशाल के दोस्तों ने बताया कि वो जिंदादिल था। मिर्जेवाला के स्कूल में पढ़ने के लिए गांव से जीप में जाते थे और बीच रास्ते कई तरह की बातें करते जाते थे। दोस्तों ने बचपन के किस्से याद करते हुए कहा कि विशाल पढ़ने में अच्छा था और सादा जीवन जीता था।
याद आता है गांव के गुवाड़ में खेला क्रिकेट
विशाल के दोस्त मनिंद्रसिंह ने बताया कि वह गांव बारह क्यू में रहता है। विशाल और वह एक ही स्कूल में पढ़ते थे। जीप से रोज स्कूल तक के सफर में विशाल उसके साथ होता था। जीप में ही गांव के गुवाड़ में क्रिकेट खेलना तय होता था। गांव 12 क्यू और 13 क्यू की टीमें बनाकर हम मैच खेलते थे। अब यह सब यादों में रह गया।
गांव बशीर और श्रीगंगानगर में भी गमगीन माहौल
विशाल की बहन वर्षिका का ससुराल गांव बशील में है। विशाल, उसकी पत्नी रिंकू और भाभी अंजू का शव तो तेरह क्यू लाया गया, जबकि हादसे का शिकार हुई विशाल की बहन वर्षिका का शव उसके ससुराल गांव बशीर ले जाया गया। वहीं उसका अंतिम संस्कार किया गया। विशाल के मौसेरे भाई अर्जित का अंतिम संस्कार श्रीगंगानगर में हुआ। पुरानी आबादी स्थित उसके आवास पर भी सुबह से शोक जताने वाले पहुंचने लगे।