कोर्ट ने SHO को अपने ही थाने में खुद के खिलाफ केस दर्ज करने का दिया आदेश, जानिए पूरा मामला

Jaipur News: जयपुर (Jaipur Crime News) की एक निचली अदालत ने मकान के फर्जी कागजात बनाने के एक मामले में मानसरोवर थानाधिकारी को खुद पर और अन्य 7 आरोपियों पर अपने ही थाने में मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं अदालत ने एसएचओ दिलीप सोनी (SHO Dilip Soni Case) को जांच रिपोर्ट भी सौंपने के निर्देश दिए हैं.

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Last Updated on 7, May 2022 by Sri Dungargarh News

जयपुर– राजस्थान की राजधानी जयपुर की निचली अदालत ने शहर के एक थानाधिकारी को उसी के ही थाने में खुद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है. वहीं मामलें की जांच करके रिपोर्ट भी अदालत में पेश करने के लिए कहा है.

पूरा मामला शहर के मानसरोवर थाने से जुड़ा हुआ है जहां पदस्थापित एसएचओ दिलीप सोनी को अब स्वयं सहित 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना है. यह आदेश जयपुर महानगर प्रथम की अदालत एसीएमएम-8 ने परिवादी कुश जांगिड़ के परिवाद पर दिया.

परिवादी के अधिवक्ता पदम सिंह गुर्जर ने बताया कि परिवादी ने मान्यावास, मानसरोवर में एक भूखण्ड अपने भाई के नाम से खरीदा था. इस पर निर्माण करवाकर वह उसमें परिवार संग निवास कर रहा है.

 

लेकिन मुकेश कुमार और अन्य लोगों ने मानसरोवर थानाधिकारी के साथ मिलकर परिवादी के मकान के फर्जी कागजात तैयार करवा लिए. वहीं परिवादी पर मकान हड़पने का मुकदमा थाने में दर्ज करवा दिया. लेकिन जब परिवादी ने इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाना चाहा तो उसका मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.

 

मकान की रजिस्ट्री और पट्टा किया पेश

परिवादी ने अदालत में अपने मकान की रजिस्ट्री और जेडीए द्वारा जारी पट्टा पेश करके कहा कि उसने अक्टूबर 2021 में मान्यावास, मानसरोवर में ए-56 मकान खरीदा था.

परिवादी के मकान के पास में ही मुकेश कुमार, रामवतार सैनी, दिलीप सोनी, अनिल कुमार और अन्य लोगों ने मकान नम्बर ए-39,40 और 41 पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है. यहां वे देर रात तक शराब पार्टी करते हैं.

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एक दिन परिवादी ने उन्हें टोका तो मुकेश कुमार व अन्य ने परिवादी को धमकाते हुए कहा कि 7 दिन में तेरे मकान के कागज बनाकर उस पर भी कब्जा कर लेंगे. उस दिन भी थानाधिकारी दिलीप सोनी और अन्य दो-तीन पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे.

पुलिस के आलाधिकारियों ने नहीं किया मामला दर्ज

परिवादी ने कहा कि उसने आरोपियों के षड़यंत्र और फर्जीवाड़े की लिखित शिकायत मानसरोवर थाने पर की, लेकिन थानाधिकारी खुद षड़यंत्र में शामिल है. ऐसे में उन्होंने मामला दर्ज नहीं किया.

उसके बाद 31 मार्च को रजिस्टर्ड डाक से थाने पर शिकायत भेजी, लेकिन उस पर भी मामला दर्ज नहीं किया गया. उसके बाद डीसीपी साउथ को 4 अप्रैल को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी गई, लेकिन उन्होंने भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया. ऐसे में मजबूरन न्यायालय में परिवाद दायर करना पड़ा.

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