बीकानेर : खाजूवाला को जिला बनाने और अनूपगढ़ में शामिल नहीं करने की मांग को लेकर मंगलवार को कस्बा बंद रहा। न सिर्फ खाजूवाला बल्कि छत्तरगढ़ के लोग भी अनूपगढ़ में शामिल करने के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को बीकानेर आ रहे हैं और इसी दिन दोनों कस्बों में आंदोलन से प्रशासन परेशानी में है।
मंगलवार को बंद के चलते मुख्य बाजारों से गली-मोहल्लों तक की दुकानों को बंद रखा गया। पूरी तरह से बंद बाजार में आवाजाही बहुत कम है। ऐसे में बंद का शुरूआती समय पूरी तरह सफल नजर आ रहा है। संघर्ष समिति के सदस्य बाजारों में घूम रहे हैं। इक्का-दुक्का दुकानें खुली तो उन्हें भी बंद करवाया गया।
पुलिस भी कस्बे के मुख्य बाजार में तैनात है। दुकानदार खुद ही अपनी दुकानें बंद कर रहे हैं, ऐसे में पुलिस को मशक्कत नहीं करनी पड़ रही। इस आंदोलन में खाजूवाला के किसान, छात्र, वकील, व्यापारी सब एक मंच पर आ गए हैं। यहां तक कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी इस मुद्दे पर एक नजर आ रहे हैं। उधर, छत्तरगढ़ में भी आंदोलन हो रहा है। क्षेत्र के निवासी अनूपगढ़ में शामिल नहीं होना चाहते। छत्तरगढ़ को भी बीकानेर में ही रखने की मांग की जा रही है। बंद के चलते खाजूवाला, छत्तरगढ़ में मंडियां भी बंद रखी गई है।
राजनेता ज्यादा परेशान
दरअसल,खाजूवाला और छत्तरगढ़ को अनूपगढ़ जिले में शामिल किया जाता है तो राजनेताओं को ज्यादा परेशानी हो सकती है। अब तक बीकानेर जिले की राजनीति करने वाले इन नेताओं को फिर अनूपगढ़ में नए सिरे से अपनी व्यवस्था करनी होगी।
वर्तमान में खाजूवाला से विधायक गोविन्द मेघवाल का बीकानेर प्रशासन पर प्रभाव है। ऐसे में नए जिले में उन्हें फिर से मेहनत करनी होगी। वहां प्रभाव श्रीगंगानगर के नेताओं का है, ऐसे में गोविन्द मेघवाल को परेशानी हो सकती है। वहीं भाजपा नेताओं के लिए भी परेशानी है। ऐसे में दोनों पार्टियों के स्थानीय नेता भी बीकानेर से ही जुड़े रहना चाहते हैं।