मौलिक साहित्यिक लेखन के राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

15 जून तक स्वीकार होेंगे प्रस्ताव-प्रविष्टियां । 14 सितम्बर को किया जाएगा पुरस्कृत

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बीकानेर । 22 मार्च, 2023
हिन्दी व राजस्थानी भाषा-साहित्य के मौलिक लेखन को सम्मान प्रदान करने के दृष्टिगत राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ द्वारा प्रति वर्ष दिए जाने वाले पुरस्कार क्रमशः ‘डॉ. नंदलाल महर्षि स्मृति हिन्दी साहित्य सृजन पुरस्कार’, ‘पं. मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सृजन पुरस्कार ’ हेतु कृतियां प्रस्ताव आमंत्रित किए गये हंै ।

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इस आशय की जानकारी देते हुए संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि उक्त दोनों ही पुरस्कार ग्यारह-ग्यारह हजार रूपये के होंगे और 14 सितम्बर, 2023 को संस्था के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोज्य समारोह में प्रदान किए जायेंगे ।

महर्षि ने बताया कि भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय अवदान के लिए अर्पित किए जाने वाले प्रतिष्ठित ‘श्री मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान’ के लिए भी प्रस्ताव आमंत्रित किए गये हैं । इस सम्मान हेतु विगत 20 वर्षो के सम्बन्धित क्षेत्र के अवदान को ध्यान में रखा जाएगा।

इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए संस्था के मंत्री रवि पुरोहित ने बताया कि हिन्दी व राजस्थानी सृजन पुरस्कारों के लिए आवेदक की आवेदित पुस्तक या प्रस्तावक द्वारा प्रस्तावित पुस्तक पुरस्कार वर्ष से 5 वर्ष पूर्व तक की कालावधि में प्रकाशित होनी चाहिए । इस वर्ष 2023 के पुरस्कारों हेतु वर्ष 2018 से 2022 तक के प्रकाशन ही विचारार्थ स्वीकार्य होंगे ।

पुरस्कार हेतु आवेदित या प्रस्तावित कृति साहित्य की किसी भी विधा में हो सकती है परन्तु विश्वविद्यालय की डिग्री या अन्य परियोजनाओं के तहत किए गए कार्य या शोध इस हेतु मान्य नहीं होंगे । सम्पादित कृतियां, विवरणिकाएं, स्मृति या अभिनन्दन-गं्रथ, रचना समग्र, स्मारिकाएं, अनुवाद, साझा संकलन आदि पुरस्कार की मौलिक लेखन की परिभाषा में शामिल नहीं होंगे और कोई भी आवेदक किसी वर्ष विशेष में केवल एक ही पुरस्कार हेतु आवेदन कर सकेगा ।

उपाध्यक्ष बजरंग शर्मा ने बताया कि विहित अवधि में प्रकाशित पुस्तक की एक प्रति मय संक्षिप्त लेखकीय परिचय एवं फोटो 15 जून 2023 तक मंत्री, राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, संस्कृति भवन, एन.एच.11 जयपुर रोड, श्रीडूंगरगढ (बीकानेर) राज0 331803 के पते पर पहुंच जानी चाहिए । प्राप्त पुस्तकें वापस नहीं लौटाई जावेगी और पुरस्कारों हेतु गठित समिति का निर्णय अन्तिम होगा ।

आयोजन समन्वयक महावीर माली ने कहा कि तीनों पुरस्कारों में प्रत्येक चयनित विद्वान को सम्मान-पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रूपये नगद राशि, सम्मान-पत्र, स्मृति-चिह्न, शॉल आदि भी यथा संस्था निर्णय अर्पित किए जायेंगे । पुरस्कार-सम्मान निर्णय की घोषणा अगस्त माह में की जावेगी ।