श्री डूंगरगढ़ न्यूज़। दिल्ली में आप सरकार की तर्ज पर इस बार प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भी इस बार आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए 50 यूनिट तक बिजली फ्री की है। 50 यूनिट के बाद आने वाले यूनिट का चार्ज लगेगा। स्थिति ठीक वैसी ही है। जैसी पानी को पूरे प्रदेश में किया गया था, इसके बावजूद बिल तो आ ही रहा है। कमोबेश यही स्थिति बिजली पर भी लागू होगी।
किसको मिलने वाला है फायदा
बजट में आमजन को सीधे-सीधे जो फायदा मिलने वाला है। वह है बिजली का। चूंकि आज लगभग सभी घरों में विद्युत कनेक्शन है। ऐसे में उनको लाभ मिलेगा। हालांकि बजट में विद्युत चोरी करने वालों के खिलाफ किसी तरह के एक्शन की बात नहीं की गई है। ऐसे में यह बोझ भी आम उपभोक्ताओं पर पडऩे वाला है। बता दें कि ग्रामीण अंचल में आज भी सरकार व विभाग को धत्ता बताते हुए धड़ल्ले से बिजली चोरी हो रही है। यही नहीं कृषि क्षेत्र की सस्ती बिजली का असर भी आम घरेलू व कॉमिर्शियल उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
ऐसे समझें बिजली में मिली छूट को उपभोक्ता
कहने को तो सरकार ने 50 यूनिट तक बिजली फ्री कर दी हैं, किंतु इसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भार प्रदेश में रहने वाले लोगों पर ही पडऩे वाला है। उपभोक्ता 50 यूनिट तक फ्री बिजली की बात समझ रहे हैं, किंतु उससे कहीं अधिक मार तो मीटर किराया तथा तरह-तरह के लगने वाले अतिरिक्त सरचार्ज के रूप में आम उपभोक्ताओं पर पड़ रही है। सरकार, निगम तथा विद्युत कम्पनियां फ्री बिजली की कसर किसी न किसी रूप में निकाल ही लेगी।
मीटर ही 1500-2000 का, किराया उम्र भर का
बिजली का कनेक्शन लेने के बाद हालांकि निगम व कम्पनी की ओर से विद्युत पोल से घर तक का सारा खर्च उठाया जाता है। किंतु उसका चार्ज कनेक्शन राशि में समाहित होता है और उसके बाद 1500-2000 रुपए वाले मीटर का किराया तकरीबन 100-150 रुपए हर माह शुरू हो जाता है।
मीटर रोज-रोज खराब भी नहीं होते है। ऐसे में मीटर की कीमत से कहीं अधिक राशि किराए के रूप में वसूली जा रही है। यदि फ्री बिजली न कर मीटर किराया तथा बिल में लगाए जाने वाले अतिरिक्त चार्ज को हटा दिया जाएं तो उससे आम उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।
यह तो महज इस सरकार के कार्यकाल में होगा। आने वाले समय में अगली सरकार फ्री बिजली देगी या नहीं या फिर इससे अधिक देगी? ऐसे में उपभोक्ता क्या समझते है, ये तो वो ही जाने, किंतु इस बारे में हम कुछ नहीं कहेेंगे।