श्रीडूंगरगढ़, न्यूज़ 23 जुलाई 2025: श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में खरीफ फसल ग्वार, बाजरा, मोठ, मूंगफली आदि में कातरा कीट का प्रकोप देखा गया। सूचना मिलने पर कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने किसानों के खेतों में रैपिड रोविंग सर्वे कर प्रकोप का स्तर और नुकसान का आकलन किया।
संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी, डॉ. वीर सिंह यादव (एसकेआरएयू), डॉ. एम.एल. रेगर (कृषि विज्ञान केन्द्र), रघुवरदयाल सुथार (सहायक निदेशक कृषि), रामनिवास गोदारा (कृषि अधिकारी) और हितेश जांगिड़ (सहायक कृषि अधिकारी) की टीम ने उपनी, गुसाईसर, जसरासर व श्रीडूंगरगढ़ रोही क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
कातरा कीट के बारे में जानकारी
कातरा कीट खरीफ फसलों जैसे मोठ, मूंग, बाजरा, ग्वार और तिल को नुकसान पहुंचाते हैं। मादा कीट एक बार में 600-700 अंडे देती है जो 2-3 दिन में फूटते हैं। लार्वा पत्तियों को खा कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे पौधे सूख जाते हैं।
नियंत्रण हेतु उपाय
- प्रकाश पाश क्रिया: मानसून के समय पतंगों को रोशनी की ओर आकर्षित कर नष्ट करना।
- खाई खोदकर रोकथाम: मिथाइल पैराथियॉन 2% चूर्ण का उपयोग कर लटों को रोकना।
- क्यूनालफॉस 1.5% चूर्ण: 6 किलो प्रति बीघा का भुरकाव।
- क्यूनालफॉस 25 ईसी का छिड़काव: 250 मिली प्रति बीघा जहां पानी की सुविधा हो।
इन उपायों से किसान अपनी खरीफ फसलों को कातरा कीट से बचा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)