सावधान ! क्या आप भी खुद को छींकने से रोकते हैं? तो फेफड़ों को पहुंचा रहे हैं नुकसान

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श्री डूंगरगढ़ न्यूज: आपने अक्सर देखा होगा कि हम से कई लोग होते हैं जो कुछ कारणों के चलते छींक को रोक लेते हैं. कई बार लोग अंधविश्वास के चलते भी ऐसा करते हैं, निकलते समय छींक न निकलने के कारण वो इसे रोक लेते हैं वहीं आमतौर पर लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी खांसने या छींकने से बचते हैं, ऐसे में वे छींक को जबरदस्ती रोकते हैं और अपना मुंह बंद कर लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है. जी हां इसका असर आपके शरीर के अंगों पर पड़ सकता है , आइए जानते हैं कैसे
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छींक आना-
सर्दी या खांसी के बाद छींक आना बहुत आम है, कई लोगों को बहुत छींक आती है, जिससे वे परेशान हो जाते हैं. हालांकि कभी-कभी छींक बिना सर्दी के भी आ जाती है, अक्सर एक छींक के तुरंत बाद दूसरी छींक आ जाती है. ऐसे में कई लोग खुद को छींकने से रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है? आइए हम आपको बताते हैं कैसे.

लोग अक्सर छींकने से बचते हैं-

कुछ लोग ऑफिस में या लोगों के सामने जोर से छींकना नहीं चाहते, इसलिए अपनी छींक रोक लेते हैं. कोरोना महामारी के दौरान ये समस्या और भी बढ़ गई थी, जब आम तौर पर किसी के छींकने पर लोग उसे घूरने लगते थे और दूरी बना लेते थे. ऐसे में लोगों ने अपनी छींक को रोकना ही बेहतर समझा.

जब आप छींकना बंद कर देते हैं तो क्या होता है?

अब बात करते हैं कि छींक रोकना खतरनाक क्यों हो सकता है और डॉक्टर हर बार ऐसा न करने की सलाह क्यों देते हैं. जब हम खांसते या छींकते हैं तो शरीर में दबाव पड़ता है, इससे फेफड़ों पर दबाव पड़ता है. ऐसे में अगर कोई छींक रोक दे तो ये दबाव 10 गुना ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में शरीर के कमजोर हिस्सों पर दबाव पड़ने से मामला गंभीर हो सकता है. इसका असर कान और आंखों पर भी पड़ सकता है. इसलिए हर बार छींक या खांसी रोकना खतरनाक हो सकता है. ऐसे में अगर आपको छींक आ रही है तो आप रूमाल या अपने हाथ में छींक सकते हैं.




डॉक्टरों का कहना है कि वैसे को एक स्वस्थ व्यक्ति का शरीर इतना दबाव झेलने के लिए तैयार रहता है, लेकिन यह समस्या उन लोगों को हो सकती है जिनका शरीर कमजोर है. छींक रोकना खतरनाक हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो शराब या सिगरेट पीते हैं, क्योंकि ऐसा करने से उनके श्वसन तंत्र या फेफड़ों पर असर पड़ सकता है.