जालोर: रानीवाड़ा से कांग्रेस विधायक रतन देवासी ने सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला बयान जारी करते हुए अपने परिवार को गंभीर खतरे में बताया है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें और उनके परिवार को पूर्ववर्ती सरकार के एक पूर्व मंत्री, उनके बेटे और कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से वर्षों से धमकियां दी जा रही हैं. देवासी ने यह आरोप 22 सितंबर की मध्यरात्रि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए लगाए. जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सचिन पायलट, राजस्थान कांग्रेस, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और राजस्थान पुलिस को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की.
अपने संदेश में रतन देवासी ने लिखा- क्या यह आपके परिवार की सुरक्षा का सही समय है? वर्षों से मेरे परिवार को पिछली सरकार के एक पूर्व मंत्री, उनके बेटे और कई अधिकारियों से धमकियां मिल रही हैं. वे कथित तौर पर जालोर, सिरोही के कुछ लोगों और सुंधा माता मंदिर के न्यासियों के सहयोग से मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. समाज के कमजोर वर्ग, नशामुक्त समाज और अन्य मुद्दों के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी. समय बताएगा. देवासी का यह बयान न केवल सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि पार्टी के भीतर उनके संबंध अब सामान्य नहीं रह गए हैं.
रतन देवासी 2008 में पहली बार रानीवाड़ा से विधायक बने थे और गहलोत सरकार में उपमुख्य सचेतक की भूमिका निभा चुके हैं. हालांकि, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2019 में पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट भी दिया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके. वर्ष 2023 में उन्होंने दोबारा विधानसभा में वापसी की और लगभग 22,000 वोटों से जीत हासिल की, लेकिन इस जीत के लिए बनाए गए राजनीतिक समीकरणों ने पार्टी के कुछ नेताओं के साथ उनके रिश्तों में दरार डाल दी है, जो अब धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रही है.
Is this the right time to safeguard your family? For years, my family has been facing threats from an ex-minister of the past government, along with his son, and several other officials.
They are allegedly seeking to harm my family with the support of certain individuals from…
— Ratan Devasi (@RatanDevasiINC) September 21, 2025
फिलहाल, देवासी के आरोपों पर कांग्रेस नेतृत्व या राजस्थान पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन इस बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल जरूर पैदा कर दी है. आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि पार्टी इस मुद्दे को किस तरह संभालती है और क्या रतन देवासी की शिकायतों पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं.