जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ को आज नया अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी मिलेंगे। कल शांतिपूर्ण मतदान संपन्न होने के बाद फर्जी मतदान की शिकायतों को लेकर एक बार गरमाया माहौल देर रात शांत हो गया। आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दस बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दोपहर तक नतीजे मिलने की उम्मीद है। सभी प्रमुख प्रत्याशी मतगणना स्थल पर पहुंच चुके है। मतगणना की धीमी प्रक्रिया के कारण अभी तक अपेक्स पदों का कोई रुझान नहीं मिल पाया है।
जेएनवीयू में कुल 59.55 प्रतिशत मतदान हुआ। यूनिवर्सिटी के 17,249 में से 10,272 वोटर्स ने अपने मत का प्रयोग किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी संगीता लूंकड़ ने बताया कि मतगणना के लिए पूरी पारदर्शी व्यवस्था की गई है। अध्यक्ष सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारियों के लिए दस हजार से अधिक वोट पड़े है। ऐसे में मतगणना होने में समय लगना स्वभाविक है। मतगणना के लिए 65 कर्मचारी तैनात किए गए है।
इनमाणिया रिसर्च प्रतिनिधि
रिसर्च प्रतिनिधि के रूप में यशस्वी इनाणिया तीन वोट से विजयी रहे। उन्हें 79 मत मिले। जबकि कुंदन कंवर को 76 व सुनील खत्री को 65 मत मिले. एक मत नोटा के खाते में गया।
12 वर्ष में सबसे अधिक मतदान
कल सुबह के समय मतदान धीमी गति से शुरू हु्आ था। बाद में यकायक मतदाता उमड़ पड़े। यहीं कारण रहा कि चार बजे तक मतदान संपन्न हो पाया। जेएनवीयू में 12 वर्ष में सबसे अधिक मतदान हुआ। मतदान के दौरान पुलिस की माकूल व्यवस्था से माहौल शांतिपूर्ण रहा। लेकिन शाम होते-होते एक बार माहौल गरमा गया। एसएफआई प्रत्याशी अरविंद सिंह भाटी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र सिंह भाटी के साथ मतगणना स्थल के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में फर्जी मतदान कराया गया। इसमें पुलिस व विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत रही। इसके बाद एबीवीपी ने भी फर्जी मतदान का आरोप लगाया। वहीं एनएसयूआई की तरफ से कहा गया कि पहली बार शांतिपूर्वक माहौल में चुनाव संपन्न हुए। हार मंडराती देख फर्जी मतदान के आरोप लगाए जा रहे है। देर रात करीब सवा बजे पुलिस व विश्वविद्यालय प्रशासन ने समझाइश कर अरविंद व रविन्द्र का धरना समाप्त कराया। आज दस बजे से मतगणना शुरू होगी। दोपहर तक नतीजे मिलना शुरू हो जाएंगे।
अरविंद सिंह और हरेंद्र में कड़ी टक्कर
जोधपुर यूनिवर्सिटी में जाति फैक्टर हमेशा चुनावों में निर्णायक भूमिका अदा करता है। यहां हमेशा टक्कर जाट और राजपूत कैंडिडेट में रहती है।
अरविंद क्यों मजबूत?
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविन्द्र सिंह भाटी जैसे मजबूत नेता का साथ और राजपूत फैक्टर।
SFI भी जोधपुर यूनिवर्सिटी में तीसरे धड़े का काम करता है। इस कैडर का साथ भी अरविंद को मजबूत बनाता है।
आखिरी समय पर एक राजपूत उम्मीदवार का नामांकन वापिस करवाने में कामयाब रहे।
हरेन्द्र चौधरी क्यों मजबूत?
NSUI का कैडर और जातिगत फैक्टर मजबूत है।
प्रचार में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का साथ मिलना मजबूत बनाता है।
हालांकि एबीवीपी से भी जाट कैंडिडेट होने के कारण वोट बंटने का खतरा है।