जानिए गौमुखासन करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां योग गुरु ओम कालवा के साथ

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श्री डूंगरगढ़ न्यूज़ || गौमुखासन :- गौमुखासन योग का अर्थ होता है गाय का मुख अर्थात अपने शरीर को गौमुख के समान बना लेने के कारण ही इस आसन को गौमुखासन कहा जाता है। गौमुखासन तीन शब्दों की संधि से बना है – गौ (गाय) + मुख (चहरा) + आसन।

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विधि :- दंडासन में बैठ कर बाएं पैर को मोड़ कर एड़ी को दाएं नितंब के पास रखे या एड़ी पर बैठ भी सकते हैं। दाएं पैर को मोड़ कर बाएं पैर के ऊपर इस प्रकार रखें कि दोनों घुटने एक-दूसरे से स्पर्श करते हों। दाएं हाथ को ऊपर उठा कर पीठ की ओर मोड़ें और बाएं हाथ को पीठ के पीछे से लेकर दाएं हाथ को पकड़ें। गर्दन और कमर सीधी रखें। एक ओर से करने के बाद दूसरी ओर से भी इसी तरह करें।

समय:-योग की पाठशाला में आप १ या २ मिनट तक गौमुख आसान का अभ्यास कर सकते हैं।

लाभ:- यह आसन करने से शरीर सुड़ोल,लचीला और आकर्षक बनता हैं।
वजन कम करने के लिए यह आसन उपयोगी हैं।
गोमुखासन मधुमेह रोग में अत्यंत लाभकारी हैं।
महिलाओं में स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए यह विशेष लाभकर हैं।
नीचे दिए हुए रोग में यह लाभकारी हैं

• गठिया साइटिका •अपचन • कब्ज • धातु रोग • मन्दाग्नि
• पीठदर्द • लैंगिक विकार प्रदर रोग • बवासीर

सावधानी :- कंधे, पीठ, गर्दन, नितम्ब या घुटनों में ज्यादा समस्या होने पर यह योग नहीं करना चाहिए।
यह आसन करते समय कोई तकलीफ होने पर तुरंत योग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
शुरुआत में पीठ के पीछे दोनों हाथो को आपस में न पकड़ पाने पर जबरदस्ती न करे।
गोमुखासन का समय अभ्यास के साथ धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए।

योग गुरु ओम कालवा राजस्थान
( संरक्षक )
राजस्थान योग शिक्षक संघर्ष समिति
Mob.9799436775

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