विधायक गिरधारी लाल महिया ने राज्य के वाहन चालकों के लिए विधानसभा में उठाई आवाज़, देखिए लाइव वीडियो

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 श्री डूंगरगढ़ न्यूज़:- श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारीलाल महिया ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज वाहन मालिकों के हित में आवाज उठाई व भादरा विधायक बलवान पूनियां ने उनका समर्थन किया।

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महिया ने परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला के जवाब पर पूरक प्रश्न दागा व मंत्री ने नीतिगत फैसला लेने की बात कही। महिया ने वाहन मालिकों को उनके व्यवसायिक वाहनों की राजस्व जिले में ही फिटनेस करवाने की बाध्यता हटाने की मांग सरकार से की।

विधायक ने बताया कि सरकार ने 4 जून 2021 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस उनके राजस्व जिले में ही करवाने के लिए पाबंद कर दिया है। जबकि इस आदेश से पहले वाहन चालक राजस्थान में कहीं भी अपने वाहन की फिटनेस करवा सकता था। इस आदेश के कारण वाहन चालकों को सैकड़ों किलोमीटर का सफर तेल फूंक करना पड़ता है।

महिया ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में ऑनलाइन व्यवस्था के बावजूद भी फिटनेस के निजी सेंटरों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने ये पाबंदी लगाई है, जिससे वाहन मालिकों के समय व धन की बर्बादी होती है। इसके जवाब में परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने कहा कि वाहन मालिकों के हित एवं निजी सेंटरों की अनियमितताओं के विरुद्ध ही राजस्व जिले में ही वाहन की फिटनेस करवाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है।

इस पर विधायक ने मंत्री के जवाब के संबंध में पूरक सवाल जोड़ते हुए कहा कि जब डिजिटल युग का इतना विकास नहीं था तो राजस्थान में कहीं भी फिटनेस हो सकती थी। किन्तु आज के डिजिटल जमाने में वाहन मालिक राजसमंद या अन्य जिलों से अपने गृह जिले बीकानेर खाली गाड़ी लेकर आएगा तो धन और समय का नुकसान होगा। फिर वह वाहन मालिक के हित में कैसे होगा।

अगर सरकार निजी फिटनेस सेंटरों की प्रतिस्पर्धा को रोकने का विचार रखती तो सरकार अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए फिटनेस पुनः अपने ही डीटीओ सेंटरों पर करवाना शुरू कर देती। लेकिन सरकार ने निजी सेंटरों को फायदा पहुंचाने के लिए ही इस प्रकार का आदेश लागू कर दिया है जो कि वाहन मालिकों के हित में कतई नहीं है। इसलिए सरकार व्यावसायिक वाहनों की उनके राजस्व जिले में ही फिटनेस करवाने की बाध्यता को समाप्त करें।

इसके अलावा निजी व्यावसायिक वाहनों का फिटनेस राजस्थान पथ परिवहन निगम की बसों की तरह परिवहन कार्यालयों पर ही करवाने की स्वीकृति दी जावें। जिस पर मंत्री ओला ने इस फैसले पर विचार कर नीतिगत निर्णय लेने की बात कही