श्री डूंगरगढ़ के छोटे से गाँव के योग गुरु ओम प्रकाश कालवा ने देश विदेश में बनाई अपनी और तहसील की पहचान

दस भाई बहनों में सबसे छोटे कालवा जब 2 वर्ष  के थे तब कार दुर्घटना में पिता का  देहांत हो गया। बचपन बहुत ही गरीबी से गुजरा , लेकिन कुछ कर गुजरने हसरत और गरीबी ने सब कुछ सिखा दिया |

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स्टोरी हाईलाइट्स 
मां से मिले संस्कारों से भरी सफलता की उड़ान :
105 बार सम्मानित हो चुके है कालवा
वर्ष 2015 से दे रहे हैं निःशुल्क सेवा

श्री डूंगरगढ़ न्यूज ||श्री डूंगरगढ़ तहसील के छोटे से गांव धीरदेसर पुरोहितान निवासी योग गुरु ओम प्रकाश कालवा ने तहसील ही नहीं बल्कि देश दुनिया में योग पर काम कर अपनी पहचान बनाई है ।  इन्होंने तहसील में लकवा व स्लिप  डिस्क से पीड़ित सैकड़ों रोगियों का इलाज योग चिकित्सा पद्धति से  किया । कालवा ने बताया कि ब्लड प्रेशर , शुगर , थाइराइड , माइग्रेन ,  एपीलेप्सी , डिप्रेशन , मोटापा , कमर दर्द , घुटनों का दर्द , पेट संबंधित बीमारियों के कई रोगियों का इलाज  योग के निःशुल्क शिविर लगाकर किए हैं । शुरू से ही गांव में निवास कर रहे कालवा ने बचपन में ही योग व ध्यान की विद्या सीख ली थी । उस समय इस क्षेत्र में धन की कमी होने व योग के बारे में लोगों को कम जानकारी होने के कारण कालवा को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा ।

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मां से मिले संस्कारों से भरी सफलता की उड़ान :

दस भाई बहनों में सबसे छोटे कालवा जब 2 वर्ष  के थे तब कार दुर्घटना में पिता का  देहांत हो गया। बचपन बहुत ही गरीबी से गुजरा , लेकिन कुछ कर गुजरने हसरत और गरीबी ने सब कुछ सिखा दिया |

कहते हैं जिसके पास मां है उसके पास सब कुछ है । उनकी माता शांति देवी ने कालवा को बचपन से ही स्वाभिमानी व जन सेवा के संस्कार भर दिये । योग मार्गदर्शक प्रथम गुरु बाबूलाल माली नामक व्यक्ति कालवा को योग ग्रंथ उपलब्ध करवाए । कालवा 10 वर्ष की आयु से ही योग साहित्यों के द्वारा गांवों के रेतिले धोरों पर सुबह शाम नियमित 4 घंटे आसनों का अभ्यास करते थे । उस समय अमर शहीद कैप्टन चन्द्र चौधरी के पिता योगगुरु कन्हैया लाल सिहाग व योगगुरु श्याम सुन्दर आर्य के मार्गदर्शन में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में निःशुल्क योग शिविरों के माध्यम से प्रदेश भर में लाखों लोगों को योग शिक्षा का ज्ञान दिया ।

कालवा ने योग के क्षेत्र में श्रीडूंगरगढ़ तहसील को अग्रणीय बना दिया।कालवा ने योग विषय में मास्टर डिग्री जीवन विज्ञान प्रेक्षाध्यान एवं योग में जैन विश्व भारती लाडनूं , राजस्थान से की ।

वर्ष 2015 से दे रहे हैं निःशुल्क सेवा :

केंद्र सरकार द्वारा योग दिवस मनाने की घोषणा करने के बाद यहां आयुर्वेद विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिवर जिसमें कालवा शारीरिक शिक्षकों , आयुर्वेदाचार्य , नसिंग स्टाफ व डॉक्टरों तथा तहसील स्तरीय कार्यक्रमों में 2015 से लगातार निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर रहे हैं । योग शिक्षा जागरूकता अभियान के तहत तहसील , जिला व राज्य स्तर के कार्यक्रमों कासंचालन भीकालवा अपने निर्देशन में करते रहते हैं ।

105 बार सम्मानित हो चुके है कालवा :
योग सेवाओं में बेहतर पर्दशन कर रहे योग गुरु ओमप्रकाश कालवा क्षेत्र में विभन्न विभागों द्वारा 105 बार सम्मानित हो चुके है । पतंजलि में बाबा रामदेव के साथ भी कालवा योग कर चुके हैं । इसके अलावा जिला व राज्य स्तर पर भी इनको कई बार सम्मान मिल  चूका है,

कालवा इसके अलावा सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रमों का संचालन कर कस्बे के सैकड़ों योग साधकों का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवा चुके हैं ।

इनका रहा सहयोग :

योग गुरु कालवा ने बताया कि उनको सर्वप्रथम सहयोग व मार्गदर्शन योगा लाइफ फाउडेशन जर्मनी के संस्थापक अन्तर्राष्ट्रीय योगगुरु संजीव कुमार भनोत व योगगुरु मनोजकुमार भनोत तथा उनकी माता कंचन लता भनोत का मिला । इसके अलावा कस्बे के नागरिक विकास परिषद संस्था के पदाधिकारी गोपाल राठी व सिंधी समाज के सामाजिक कार्यकर्ता जयकिशन दातवानी का भी योगदान रहा है । इसके अलावा अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक योगगुरु मंगेश त्रिवेदी व राज्य प्रभारी योगाचार्य रामवतार यादव ने योग में इनकी मेहनत ब लगन को देखते हुए महासंघ का उत्तर भारत काजोन प्रभारी नियुक्त कर बड़ी जिम्मेदारी दी है । योग शिक्षकों के हितों की रक्षा करना व योग विषय को स्वतंत्र विषय के रूप में मान्यता दिलाने के लिए सतत प्रयास करना खास बात कालवा को महासंघ ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य भी बना दिया है