क्या आप जानते है ,पति मृत्यु पर महिलाओं की उंगली काटने की दर्दनाक परंपरा

Shake's finger cut off with an ax
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श्री डूंगरगढ़ न्यूज || इस दुनिया में हर समाज के लिए उनके रीति-रिवाज बहुत खास होते हैं। लेकिन आज भी कुछ समुदायों में ऐसी रूढ़िवादी, विचित्र और भयानक मान्यताएं हैं, जो परंपराओं के नाम पर कुप्रथा((malpractice) कहलाती हैं।

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इस धरती पर बहुत से ऐसे जनजाति समुदाय (tribal community)हैं जिन्होंने स्वयं को आज इतने बदलाव के बावजूद भी समाज की मुख्यधारा से बिल्कुल अलग कर रखा है। उन लोगों के रीति-रिवाज एवं परंपराएं जानकर बड़ा आश्चर्य सा होता है। हालांकि इन जनजातीय समुदायों की कुछ ऐसी परंपराएं और प्रथा भी हैं जो हमें आकर्षित कर सकती हैं और कुछ ऐसी प्रथायें हैं जिनके बारे में सुनकर ही हमारी रूह तक कांप जाए।

अगर किसी के परिवारीजन या किसी खास की मृत्यु हो जाती है तो बेहद दुख होता है। मृत्यु पश्चात भी अलग-अलग रस्में अदा की जाती हैं। लेकिन क्या आप कभी सोच भी सकते हैं ऐसी प्रथा के बारे में जिसमें घर में किसी भी सदस्य के देहांत होने पर महिला की उंगली ही काट दी जाए। सुनकर चौंक गए हैं ना! लेकिन यही सत्य है। आइए जानते हैं इस भयानक प्रथा को निभाने वाली जनजाति और इसके पीछे के कारण के बारे में…

आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि दानी प्रजाति के लोग इस अमानवीय और भयानक परंपरा का निर्वहन करते हैं। यह प्रजाति इंडोनेशिया के पापुआ न्यू गिनिया द्वीप में रहने वाली है। इस प्रजाति में यह प्रथा है कि अगर घर के मुखिया की मृत्यु हो जाए, तो परिवार में रह रही सभी महिलाओं की उंगली कुल्हाड़ी से काट (Shake’s finger cut off with an ax) देते हैं। जितनी यह प्रथा विचित्र है उसके पीछे का कारण भी उतना ही अतार्किक है।

दानी प्रजाति के लोगों का मानना है कि उंगली काटने वाली इस प्रथा को करने से मरने वाले की आत्मा को शांति मिलती है। यह उनका मरने वाले के प्रति श्रद्धांजलि देने का तरीका है। महिलाओं की उंगली काटने से पहले उंगली में धागा बांध दिया जाता है और फिर उनकी उंगली को कुल्हाड़ी से काट दिया जाता है।

इसके अलावा महिलाओं का मानना है कि, अपनी उंगलियां कटवाकर वे उस कष्ट में भागीदार बन सकती हैं जो मरने वाले परिजन ने मृत्यु के समय उठाया था। अगर कोई व्यक्ति बिना जानकारी के वहां जाए तो कटी उंगलियां देखकर उसे लग सकता है कि, किसी गंभीर बीमारी के कारणवश सभी के हाथ ऐसे हो गए होंगे। लेकिन जब इस भयावह प्रथा के बारे में पता चलता है, रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

हालांकि न्यू गिनीया सरकार द्वारा इस अजीबोगरीब और समाज को शर्मसार करने वाली प्रथा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के बाद भी इस प्रथा के पहले से शिकार हुए सैंकड़ों लोगों को यहां देखा जा सकता है, जिनके हाथों की उंगलियां कटी हुई हैं और कुछ आज भी इसका पालन कर रहे हैं।