राजस्थान में रेमडेसिवर के लिए लोग परेशान, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा केंद्र से नहीं मिल रही दवा

रेमडेसिविर की किल्लत (फाइल फोटो)
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान में रेमडेसिविर की किल्लत
  • मरीज के परिजनों को भारी किल्लत
  • कालाबाजारी रोकने के लिए टीम गठित

राजस्थान में कोरोना के इलाज में काम आने वाली रेमडेसिवर दवा की भारी किल्लत हो गई है. इस वजह से मरीज़ों के परिजन मारे मारे फिर रहे हैं. सरकार ने रेमडेसिवर की कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकारियों की एक कमेटी गठित की है, जो मरीज़ों को अस्पताल के ज़रिए दवा सप्लाई कर रही है. मगर दवा की किल्लत इतनी ज़्यादा है कि शाम को मिलने वाली दवा के लिए लोग सुबह से कतारों में खड़े हो जा रहे हैं.
जयपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दफ़्तर में भीड़ लगी है. ऐसे में डर है कि दवा के लिए लगी कतारें कही कोरोना न बांटने लगे जाए. मरीज़ों के हंगामे को देखते हुए यहां पुलिस तैनात की गई है. लाइन में लगे लोगों का कहना है कि वे लोग कई दिनों से यहां आ रहे हैं मगर रेमडेसिवर दवा नहीं मिल पा रही है.

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राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार ने राजस्थान को 9 मई तक के लिए 1 लाख 41 हजार 600 रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन निर्धारित किया है, जबकि प्रदेश में संक्रमितों की तेजी से बढ़ रही है और हमें अधिक इंजेक्शनों की आवश्यकता है. इसी वजह स आरएमएससीएल ने स्वयं के स्तर पर व्यापक प्रयास कर रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी खरीद की है. इसके बाद प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा करीब 2 लाख 48 हजार हो गया है.

चिकित्सा मंत्री ने बताया है कि रेमडेसिविर के अलावा गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए 340 टोसिलीजुमेब इंजेक्शन का भी आवंटन प्रदेश के सभी जिलों में किया जा चुका है. इन इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन निजी व सरकारी अस्पतालों को जिला स्तर पर गठित कमेटी की सिफारिश पर सीधा आरएमएससीएल द्वारा किया जा रहा है.

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