राजस्थान: कोरोना की मार के बाद मजदूरों का पलायन, बोले- रोजी-रोटी के पड़े लाले

राजस्थान में मध्य प्रदेश के मजदूरों ने पलायन करना शुरू कर दिया
राजस्थान में मध्य प्रदेश के मजदूरों ने पलायन करना शुरू कर दिया(सांकेतिक फोटो)
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न्यूज हाईलाइट्स 
• लॉकडाउन के बाद राजस्थान में एमपी के मजदूरों का पलायन शुरू  
• मजदूर बोले- कमाने को कुछ नहीं, कहां से खाएंगे

श्री डूंगरगढ़ न्यूज || देश भर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया. राजस्थान सरकार ने बढ़ते कोरोना की चेन तोड़ने के लिए राज्य में 24 मई तक लॉकडाउन लगाने के निर्देश दिए. वहीं इस खबर के बाद राजस्थान में मध्य प्रदेश के मजदूरों ने पलायन करना शुरू कर दिया
जानकारी के मुताबिक, पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद राजस्थान के बाड़मेर जिले में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश से राजस्थान के बाड़मेर जिले में काम करने वाले दर्जनों मजदूर रविवार को अचानक अपना सामान बांधकर रेलवे स्टेशन पहुंच गए.
रेलवे स्टेशन पर इकठ्ठा हुए मजदूरों का कहना है कि जिस तरीके से पिछली बार अचानक रेल सेवा और बस सेवा बंद कर दी गई थी, और हमें कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ा था. उसी प्रकार इस बार भी वही स्थिति ना आ जाए तो हम अभी से यहां से जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमें फिर से डर सता रहा है जिस तरीके से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं.
मजदूरों का कहना है कि ऐसे में हमने यह फैसला किया है कि हम अब अपने घर वापस मध्य प्रदेश जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने भी बोल दिया है कि काम नहीं है. साथ ही जो दुकानें खुली हैं, अचानक ही खाने पीने के सामान का दाम 5 गुना बढ़ गया है. हमारे पास पैसा भी नहीं है. इसीलिए हम मध्य प्रदेश वापस जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं.
मध्य प्रदेश के रहने वाले इन मजदूरों का कहना है कि वे पिछले तीन-चार महीने से यहां मजदूरी कर रहे थे. लेकिन अब कोरोना संक्रमण बढ़ने के चलते सरकार ने लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी है. जिससे हमारा काम काज पूरी तरीके से बंद हो गया है और ठेकेदार ने भी घर जाने के लिए बोल दिया है. इसलिए हम बीवी बच्चों को लेकर अपने गांव जा रहे हैं.

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राज्य सरकार ने मजदूरों की पलायन को रोकने के लिए इस बार लॉकडाउन में कुछ इकाइयों को छूट भी दी है, लेकिन पिछली बार कोरोना संक्रमण में मजदूरों को हुई परेशानियों के चलते इस बार मजदूरों ने खुद ही अपने घरों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है.