चितौड़गढ़। जिलेे के निंबाहेड़ा थाना क्षेत्र की बेटी ने शुक्रवार को मिसाल पेश की और खुुद को बाल विवाह की भेंट चढ़ने से बचा लिया। किशोरी ने मौका पाकर पहले तो चाइल्डलाइन को फोन करके शादी रुकवाने की गुहार लगाई। उसके बाद खुद कोतवाली निंबाहेड़ा में जाकर अपने मां-बाप के खिलाफ शिकायत की और बताया कि उसका जबरदस्ती बाल विवाह करवाया जा रहा है, जबकि वह अभी केवल 17 वर्ष की है और दसवीं कक्षा में पढ़ती है।
नाबालिग ने पुलिस को बताया कि वह अभी पढ़ लिख कर आगे बढ़ना चाहती है। आगे की कार्रवाई के लिए चाइल्डलाइन दल से नारायण लाल भील और पुलिस थाना कोतवाली ने निंबाहेड़ा के बाल कल्याण समिति के सामने नाबालिक को पेश किया। जिसके बाद बाल कल्याण समिति अधिकारी प्रहलाद सिंह ने लड़की के माता-पिता को थाने में बुलाया और उन्हें पाबंद किया। माता पिता को कहा गया जब तक लड़की 18 साल की नहीं हो जाती, तब तक हर महीने थाने में आकर परिजनों को सूचना देनी होगी।
थानाधिकारी ने दी बाल-विवाह से जुड़े कानून की जानकारी
- नाबालिग के पिता को थाना अधिकारी ने समझाया और बाल विवाह से जुड़े कानून की जानकारी दी। परिजनों से बागी किशोरी डरी सहमी थी लेकिन पुलिस ने उसके साहस की तारीफ की और उसका हौसला बढ़ाया। साथ ही उसके सुरक्षा की भी जवाबदेही ली। लड़की ने परिजनों के पास नहीं जाने की बात कही, जिस पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र दशोरा ने बालिका को शेल्टर होम में भेजने का फैसला किया, जहां उसकी काउंसलिंग भी की जाएगी। लेकिन उससे पहले उसे हाल फिलहाल 15 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया गया।