आइए अब जानते है साल कि 10 बड़ी भविष्यवाणी के बारे में –
1 – कन्या राशि के जातकों के लिए साल की शुरुआत में ही देव गुरु बृहस्पति अष्टम भाव में मार्गी हो जायेंगे। देव गुरु आपके चौथे और सप्तम भाव के स्वामी है ऐसे में आपको अब अच्छा स्वास्थ्य लाभ होने की उम्मीद है। हाल ही में परिवार में हुई कलह के कारण आपको मानसिक तनाव भी हुआ है लेकिन देव गुरु के मार्गी होने से अब आपकी सभी पुरानी समस्या खत्म होने की उम्मीद है। इस दौरान अगर आपके किसी को धन उधार दिया था तो वो भी आपको मिलने की पूरी उम्मीद है।
2 – कन्या राशि के जातकों के लिए धर्म और न्याय के कारक शनिदेव पूरे वर्ष छठे भाव यानी कि शत्रु भाव में गोचर करेंगे इस भाव में शनि का गोचर आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर क्या आएगा इस दौरान आपकी नौकरी में आप अच्छी तरक्की करेंगे और पूरे साल आपके शत्रु आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएंगे अगर आप बैंक का लोन नहीं चुका पा रहे थे तो इस साल आपको इसमें सफलता प्राप्त हो सकती है। किसी पुरानी बीमारी से भी आपको निजात प्राप्त होगी।
3 – ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य देव आपके द्वादश भाव के स्वामी हैं और 14 अप्रैल को उनका गोचर उनकी उच्च राशि मेष राशि में होगा। 12 साल के बाद देवगुरु बृहस्पति से उनकी युति अष्टम भाव में होगी। विपरीत राजयोग के कारण आपको सूर्य गुरु की युति बहुत अच्छे परिणाम देने वाली होगी। इस दौरान किसी समुद्री यात्रा से आपको फायदा हो सकता है। विदेश में काम कर रहे जातकों को बहुत अच्छी तरक्की मिल सकती है। सरकारी नौकरी कर रहे जातकों को प्रमोशन प्राप्त हो सकता है और कोई छिपा हुआ खजाना भी आपको मिल सकता है।
4 – देवगुरु बृहस्पति आपके चौथे और सप्तम भाव के स्वामी हैं और 1 मई को उनका गोचर आपके भाग्य स्थान यानी की वृष राशि में होगा। देवगुरु बृहस्पति की पंचम दृष्टि आपके लग्न पर होगी इसलिए यह कहा जा सकता है की जून के महीने से लेकर साल के अंत तक आपका भाग्य पूरे तरीके से आपके साथ होगा। देवगुरु की कृपा से धार्मिक यात्राएं होंगी। मांगलिक कार्यों का आयोजन होगा और आपका आत्मविश्वास चरम पर होगा। आपको पुरस्कृत भी किया जा सकता है।
5 – साल की शुरुआत में आपके द्वादश भाव के स्वामी सूर्य चौथे भाव में विराजमान हैं जो की विदेश से लाभ होने के संकेत हैं और इसी दौरान शनि और देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके द्वादश भाव को प्रभावित कर रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है की शुरुआत के चार महीने पूजा पाठ, कर्मकांड और ज्योतिष सीख रहे जातकों के लिए बहुत अच्छा गुजरने वाला है। इस दौरान अगर आप कोई विदेश यात्रा करते हैं तो उससे भी आपको फायदा होगा। साल के शुरू के 4 महीने आपकी आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत अच्छे दिखाई पड़ रहे हैं।
6 – ग्रहों के सेनापति मंगल 15 मार्च को अपने शत्रु शनिदेव की कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और 23 अप्रैल तक उन्हीं के साथ विराजमान रहेंगे। यानी की 15 मार्च से 23 अप्रैल तक शनि और मंगल की युति आपके छठे भाव में होगी। मंगल चूंकि आपके अष्टम भाव के स्वामी हैं इसलिए आपको इस युति को लेकर थोड़ा सावधान रहना होगा। इस समय में आपके शत्रु आपके खिलाफ कुछ गुप्त योजना बना सकते हैं। आपको परेशान करने की साजिश रची जा सकती है। वही आपके कर्ज भी बढ़ सकते हैं। जब तक मंगल का गोचर कुंभ राशि में शनि के साथ है आप किसी भी व्यक्ति को धन उधार ना दें और ना ही ले।
7 – साल 2024 में कन्या राशि के जातकों के लिए पाप ग्रह राहु मीन राशि में ही रहेंगे और आपके सप्तम भाव को प्रभावित करेंगे। राहु की दृष्टि लग्न पर विराजमान केतु पर भी जा रही है। सप्तम भाव में राहु का गोचर आपको विपरीत परिणाम भी दे सकता है। हालांकि व्यापारिक वर्ग के लिए राहु उन्नति के नए रास्ते खोलने वाला भी माना जाता है। लेकिन आपके वैवाहिक जीवन के लिए राहु दिक्कत खड़ी कर सकता है। इस पूरे साल आपको अपने जीवनसाथी से किसी भी प्रकार की कोई बहस करने की आवश्यकता नहीं है और इसके अलावा आपको उसके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा। अगर पार्टनरशिप में कोई काम करना चाहते हैं तो सोच समझ कर आगे बढ़े।
8 – भौतिक सुख सुविधा और स्त्री के कारक कहे जाने वाले शुक्र 31 मार्च को अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे और 24 अप्रैल तक वही विराजमान रहेंगे। यानी की आपके सप्तम भाव में 31 मार्च से 24 अप्रैल तक राहु और शुक्र की युति रहेगी जिसके कारण आपकी यौन इच्छा में वृद्धि हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि इस समय सुरक्षित और सावधानी पूर्वक यौन संबंध बनाएं। अगर आपको कोई गुप्त रोग है तो इस समय वह बढ़ सकता है। आपकी काम इच्छा चरम पर होगी। किसी पराई स्त्री के कारण आपके वैवाहिक जीवन में कष्ट आ सकता है।
9 – इस पूरे साल धर्म और रहस्य के कारक केतु का गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए लग्न में ही होगा। केतु की दृष्टि आपके पंचम और नवम भाव को प्रभावित करेगी। केतु का गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए धर्म की प्रवृत्ति को बढ़ाने वाला रहेगा। इस दौरान धर्म रहस्य और आध्यात्म में आपकी रुचि बढ़ेगी। ऐसा हो सकता है कि किसी धार्मिक यात्रा पर आपकी मुलाकात किसी साधु संत से हो जाए और आपके जीवन में आध्यात्म का प्रवेश हो जाए। केतु का गोचर मौसमी बीमारी के लिहाज से ठीक नहीं रहता है इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा।
10 – साल 2024 आपके प्रेम संबंधों के लिहाज से थोड़ा विपरीत कहा जा सकता है क्योंकि आपके पंचम भाव के स्वामी शनि छठे भाव में गोचर कर रहे हैं और आपके सप्तम भाव में राहु विराजमान है। ऐसे में यह भी हो सकता है कि आप अपने घरवालों की इच्छा के विपरीत जाकर प्रेम विवाह करें क्योंकि शनि और राहु दोनों ही पाप ग्रह है। वैवाहिक जातकों की बात करें तो आपके वैवाहिक जीवन में राहु और केतु के कारण कुछ अलगाव उत्पन्न हो सकता है। इसलिए दोनों एक दूसरे की भावना का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे तो साल 2024 आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा।