Last Updated on 20, July 2022 by Sri Dungargarh News
श्री डूंगरगढ़ न्यूज़:- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अरावली की पहाड़ियों में खनन पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद खनन माफिया बेलगाम हैं। कानून को चुनौती देते हुए वे लगातार खनन में जुटे हैं। पहाड़ी को अर्थमूवर से काटा जा रहा है। अवैध खनन ने इको सिस्टम को तहस-नहस कर दिया है। हाल ही एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट में अरावली के प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र को लेकर सवाल खड़े किए गए थे।
अरावली पहाड़ी क्षेत्र में खनन माफिया कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हरियाणा के नूंह जिले में इस माफिया के गुर्गों ने मंगलवार को डीएसपी के ऊपर डंपर चढ़ा दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आरोपियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस घटना के बाद अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन का मामला फिर गरमा गया है।
घटना गुरुग्राम से सटे नूंह जिले के तावडू थाना क्षेत्र के गांव पचगांव की है। डीएसपी सुरेंद्र सिंह विश्नोई को गांव से सटी अरावली पहाड़ी पर अवैध खनन की सूचना मिली थी। मंगलवार सुबह 11 बजे वह अपनी टीम के साथ पहुंचे। पहाड़ी के पास खड़े लोग भागने लगे। डंपर रोकने के लिए डीएसपी आगे आए तो चालक उन्हें वाहन से कुचलकर भाग गया। घटना की सूचना मिलते ही एसपी (नूंह) वरुण सिंगला मौके पर पहुंचे। डीएसपी विश्नोई मूल रूप से हिसार के रहने वाले थे।
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस घटना पर दुख जताते हुए शहीद डीएसपी के परिजनों को एक करोड़ रुपये तथा परिवार मे एक व्यक्ति को नौकरी देने की घोषणा की है।
सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति:-
हाल ही फरीदाबाद के खनन अधिकारी बलराम ने अवैध खनन पर सवाल उठाते हुए कहा था, अरावली की सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। मुट्ठीभर सुरक्षाकर्मियों को वन विभाग ने तैनात किया है। पुलिस गश्त नहीं करती। माइनिंग विभाग के अफसर झांकते भी नहीं है। अरावली की तलहटी में बसे गांव के लोग भी इस खेल में शामिल हैं।
गुजरात, राजस्थान से हरियाणा तक:-
दिल्ली में खत्म होने वाली अरावली की पहाडिय़ां गुजरात और राजस्थान से लेकर हरियाणा के दक्षिणी इलाके तक फैली हुई हैं। हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेवात, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जैसे इलाके इसमें आते हैं। विकास और अंधाधुंध निर्माण ने अरावली की पारिस्थितिकी को गहरे जख्म दिए हैं।
पुलिस भी सुरक्षित नहीं:-
हरियाणा कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि यह दुखद घटना है। खनन माफिया बेखौफ हैं। पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो जनता कैसे सुरक्षित महसूस करेगी? सरकार को कार्रवाई करने की जरूरत है।