नई पेंशन प्रणाली के विरोध में प्रधानमंत्री तथा मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन

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श्री डूंगरगढ़ न्यूज़ 22 दिसम्बर 2021- नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम(पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन) के आह्वान पर कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आज उपखंड मुख्यालय पर केंद्र व राज्य कर्मचारियों ने नई राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली(एन.पी.एस) के विरोध में आज उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के सामने 22 दिसम्बर 2003 की अधिसूचना का दहन कर विरोध प्रदर्शन किया एवं पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग का ज्ञापन प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी डॉ दिव्या चौधरी को सौंपा।

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कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति श्री डूंगरगढ़ कर्मचारी सभा को सम्बोधित करते हुए

प्रदर्शन स्थल पर सभा को सम्बोधित करते हुए शिक्षक नेता सोहन गोदारा ने कहा कि एनपीएस शेयर बाजार आधारित एक मिच्यूल फ़ंड योजना है,ये किसी भी स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने वाली पेंशन योजना नही है।शेयर बाजार की अनिश्चितता से कर्मचारी का भविष्य असुरक्षित है इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।

कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति श्री डूंगरगढ़
कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति श्री डूंगरगढ़ के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपते हुए

कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति  के संयोजक सुशील सेरडिया ने कहा कि देश भर के कर्मचारी आक्रोशित और आंदोलित है । ये लूट प्रणाली पर आधारित योजना है। कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना प्रणाली शीघ्र ही लागू नहीं की गई तो केन्द्र एवं राज्य सरकार को भारी परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि कर्मचारियों का यह आन्दोलन जन आन्दोलन का रूप ले चुका है ।

सभा को समिति सभाध्यक्ष ओमप्रकाश सिद्ध, राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ ओ पी गाँधी,प्रा मा शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष हंसराज गोदारा, प्रबोधक संघ के ओमप्रकाश बाना, देवकरण भादू,ओ पी शर्मा, स्वास्थ्य विभाग के परमवीर भादू, पटवार संघ के हरिराम सारण, शा शि संघ की सन्तोष शेखावत,रेसला के देवेन्द्र सिंह राहड़,, शेखावत संघ के बालाराम मेघवाल,सफाई मजदूर संघ के कानुराम चावरिया,प्रगतिशील के जयप्रकाश कस्वा,समसा के ईश्वर राम गरुवा, पवन शर्मा,ओमप्रकाश , बिजली विभाग के हरपाल जाखड़, मंत्रालय के सुरेंद्र सेवग, समिति के प्रवक्ता किशन गुर्जर आदि कर्मचारी नेताओं के नेतृत्व में सभी विभागों विभागों के सैंकड़ों कर्मचारियों ने घुमचक्कर से उपखण्ड कार्यालय तक सम्मिलित हो कर गांधीवादी तरीके से मार्च पास्ट एवं अधिसूचना का दहन करते हुए नारेबाजी के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया l