श्री डूंगरगढ़ न्यूज़ , 14 दिसम्बर 2024 ।हिन्दू धर्म में मलमास को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशियां आती हैं, लेकिन इस मलमास के दौरान मांगलिक कार्य शुभ नहीं माने जाते हैं. मलमास को अशुभ और अशुद्ध महीना माना जाता है. इस दौरान विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते है. सूर्य द्वारा बृहस्पति की राशि धनु या मीन राशि में प्रवेश करने पर मलमास या खरमास लगता है. आइए जानते है. कब से मलमास की शुरुआत हो रही है.
जानिए कब से शुरू हो रहा है मलमास
मलमास को खरमास के नाम से भी जाना जाता है और इस दौरान विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. सूर्य द्वारा बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि में प्रवेश करने पर मलमास या खरमास लगता है. इस बार मलमास की शुरूआत 15 दिसंबर 2024 से हो रही है और इसकी समाप्ति 14 जनवरी 2025 में होगी. जब सूर्य द्वारा धनु राशि से निकलकर जब दूसरी राशि में प्रवेश किया जाएगा तो मलमास समाप्त हो जाएगा.
भूल से भी ना करे यह कार्य
मलमास अशुभता का प्रतीक माना जाता है. इस दौरान नया घर खरीदना या गृह प्रवेश करना अशुभ माना जाता है.– इसी के साथ बहुत से लोग नए साल मे नया व्यापार या वाहन खरीदते है, लेकिन मलमास मे यह शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.– दिसम्बर माह में कई विवाह के शुभ मुहूर्त है, लेकिन 14 तारिक के बाद मलमास कई शुरुआत हो जाएगी. इस दौरान शादी, मुंडन, जनेऊ, सगाई आदि कार्य भूल से भी नहीं करना चाहिए.
जरूर करें मलमास में यह कार्य
मलमास में प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना काफ़ी शुभ माना जाता है. इसी के साथ जो पक्षियों और पशुओं की सेवा करता है उस पर भगवान की विशेष कृप बनी रहती है. उसी के साथ भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करना चाहिए.जप, तप और दान का भी खास महत्व है. गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करना जरूरी है.मलमास के गुरुवार को केले का दान करना शुभ माना जाता है.