CMHO के स्वागत में पहुंचे 15:स्वागत में पहुंची भीड़ ने पहनाई माला, मिठाई खिलाई; कोरोना प्रॉटोकोल और सोशल डिस्टेंसिंग गायब

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श्री डूंगरगढ़ न्यूज || नए पद पर आने वाले अधिकारी का स्वागत एक औपचारिकता जरूर है लेकिन कोरोना के इस दौर में इससे बचने की जरूरत है। अगर ये लापरवाही चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी ही कर जाते हैं तो फिर आम आदमी का क्या दोष? गुरुवार को बीकानेर में CMHO पद पर डॉ. ओ.पी. चाहर ने कार्यभार संभाला तो स्वागत करने वालों का तांता लग गया। किसी ने माला पहनाई तो किसी ने मिठाई खाई और खिलाई। यहां ना तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही थी और न कोरोना प्रोटोकॉल की। कुछ ने तो मास्क भी नाक से नीचे लगा रखे थे।

कार्यक्रम के वीडियो अब सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। इन दिनों लॉकडाउन और राज्य सरकार की बेहद सख्ती के चलते विवाह जैसे आयोजन में महज 11 मेहमान की स्वीकृति है लेकिन CMHO के स्वागत में यह संख्या इससे भी अधिक रहे।

सप्ताह में तीसरे CMHO

दरअसल, बीकानेर में CMHO पद पर इस सप्ताह में यह तीसरे अधिकारी है। इससे पहले डॉ. सुकुमार कश्यप थे, जिन्हें विवादों के चलते जयपुर के RUHS में पद स्थापित कर दिया गया है। उनकी जगह जिला कलक्टर ने डॉ. राजेश गुप्ता को चार्ज सौंपा था लेकिन बाद में राज्य सरकार ने नए आदेश जारी करते हुए डॉ. ओ.पी. चाहर को कार्य व्यवस्था में लगा दिया।

माला पहनाई, ग्रुप फोटो लिए

डॉ. चाहर गुरुवार को कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो कार्यालय परिसर में ही काम करने वाले डॉक्टर्स, नर्सिंगकर्मी, अधिकारी व अन्य कर्मचारी एकत्र हो गए। चाहर को फूल मालाओं से लाद दिया गया, पुष्प भेंट किए गए। मिठाई भी खिलाई गई। इस दौरान एक साथ पंद्रह कार्मिकों ने ग्रुप फोटो भी लिए। सवाल ये खड़ा हो रहा है कि जिन अधिकारियों पर कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करवाने की जिम्मेदारी है, अगर वो ही इस तरह व्यवस्था का अनादर करेंगे तो आम आदमी कैसे सिखेगा।