नशीली दवाओं की तस्करी करने वाली मेडिकल छात्राओं की ऐसी कहानी, इसे पढ़कर आप भी रह जाएंगे हैरान

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आगरा। ताजमहल की नगरी कहे जाने वाले शहर आगरा में नशीली दवाओं का कारोबार बड़े स्तर पर चलता रहा है। इसका खुलासा छापेमारी के दौरान हुआ। मेडिकल की छात्राएं भी नशे की दवाओं की तस्करी में शामिल थीं। वह जयपुरिया गिरोह के लिए काम करती थीं। दोनों छात्राओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
19 दिसंबर से थीं फरार
बता दें कि नशीली दवाओं के तस्कर जयपुरिया गैंग के सरगना पंकज गुप्ता के घर कमलानगर पर 19 दिसंबर 2020 को ड्रग विभाग ने पुलिस के साथ छापेमारी की थी। छापेमारी में उनका बेटा अमन कांत गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। घर में मौजूद उसकी मां रीता गुप्ता दो बेटियां श्रुति और आकांक्षा पुलिस कसे चकमा देकर भाग गई थीं। दोनों बहनों ने पुलिस पर घर में बंधे पालतू कुत्ते छोड़ दिए थे। जिनसे बचने के लिए पुलिस प्रयास करती रही और दोनों बहनें मां को साथ लेकर फरार हो गई थीं। दोनों बहनों ने नशीली दवाओं को दूसरों की छत पर फेंक दिया था। दोनों बहनों की पुलिस तलाश कर रही थी।

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बीडीएस कर रही है एक छात्रा
ड्रग निरीक्षक नरेश मोहन दीपक ने बताया कि श्रुति और आकांक्षा नशीली दवा ड्रमाडोल हाइड्रो क्लाराइड की रिपैकिंग करती थीं। जिनमें एक श्रुति गुप्ता बीडीएस (मेडिकल) की पढ़ाई कर रही थी। दवाओं की पैकिंग कर उन्हेंं ट्रांसपोर्ट तक सप्लाई करने में सहयोग करती थीं। इस मामले में इंस्पेक्टर कमला नगर नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि नशीली दवाओं की तस्करी में अब तक आठ लोगों को जेल भेजा जा चुका है। सरगना पंकज गुप्ता की निशानदेही पर करीब सात करोड़ का माल जब्त किया गया है। रीता गुप्ता और अनिल करीरा नामक दो आरोपी फरार हैं जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।