श्रीडूंगरगढ़ न्यूज : आरबीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान कर दिया है। जोर देकर कहा गया है कि 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर रहने वाला है, बस इसकी अब आगे छपाई नहीं की जाएगी। 30 सितंबर तक लोग 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा भी करवा सकते हैं। एक सवाल लोगों के मन में जरूर आ रहा है कि आखिर ये दो हजार रुपये का नोट शुरू क्यों किया गया था?
![क्या आप जानते क्यों शुरू किए गए थे 2000 के नोट?](https://sridungargarhnews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0000.jpg)
2000 रुपये का नोट क्यों शुरू हुआ?
असल में ये पूरी कहानी साल 2016 में तब शुरू हुई थी जब सरकार ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। असल में जब इन दोनों करेंसी को चलन से बाहर किया गया था, तब भरपाई करने के लिए एक बड़े नोट को शुरू करने का फैसला किया गया। ऐसे में तब दो हजार रुपये का नोट लॉन्च किया गया। इस नोट को लेकर ये भी कहा गया कि कई तरह के सिक्योरिटी फीचर्स से लैस रहा और इसकी नकल करना उतना ही मुश्किल।
नोटबंदी से क्या है कनेक्शन?
एक और बात जो समझना जरूरी है, वो ये कि जिस समय नोटबंदी की गई थी, तब 500 और 1000 रुपये के नोट ही अर्थव्यवस्था का 80 फीसदी हिस्सा था, ऐसे में जब ये नोट चलन से बाहर हो गए, इनकी भरपाई करना RBI के लिए बड़ी चुनौती बन गया। बताया गया कि अगर लगातार 24 घंटे भी नोटों की छपाई की जाए, तब भी उस अंतर को पाट पाना मुश्किल रहता। इसी वजह से 2000 रुपये का नोट चलन में लाया गया क्योंकि कम नोटों में उस बड़े अंतर की भरपाई कर दी गई। एक आंकड़ा तो ये भी बताता है कि 2017 तक 2000 रुपये नोट की अर्थव्यवस्था में 50 फीसदी हिस्सेदारी हो गई थी।
धीरे-धीरे कम हो गया था सर्कुलेशन
लेकिन 2018 के बाद से 2000 रुपये नोटों का सर्कुलेशन काफी कम हो गया था, एक समय तो ऐसा भी आया था जब कहा गया कि 2000 रुपये का नोट अचानक से बाजार से गायब हो गया। तब सरकार ने कहा था कि 2000 रुपये को बैन करने का कोई इरादा नहीं है, सिर्फ इसकी सर्कुलेशन को कम किया गया है। अब उसी कड़ी में RBI ने ये बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोट को वापस ले लिया है। लोग 30 सितंबर तक इन नोटों को बैंक में जमा करवा सकते हैं। बड़ी बात ये है कि एक बार में सिर्फ 20 हजार रुपये के ही 2000 वाले नोट वापस लिए जाएंगे।