खाजूवाला रेप केस :दिनेश बिश्नोई की गिरफ्तारी से खुलेंगे कई राज

दलित महिला से गैंगरेप से बदनाम हुए खाजूवाला थाने के नए सदस्यों ने मुख्य भूमिका निभाकर दाग मिटाया

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श्रीडूंगरगढ़ न्यूज़ :खाजूवाला में दलित महिला के साथ गैंगरेप और मर्डर मामले में मुख्य अभियुक्त दिनेश बिश्नोई ने बीकानेर शहर के अलावा नोखा में फरारी काटी। बीकानेर जिले की पुलिस सक्रिय हुई तो वो झुंझुनूं पहुंच गया। यहां भी ज्यादा दिन नहीं रह पाया। इसके बाद नवलगढ़ होते हुए सीकर जाने लगा। यहीं पर मुखबीर ने उसे देख लिया और पुलिस ने रोडवेज बस से उसे गिरफ्तार कर लिया। जो खाजूवाला थाने इस पूरे घटनाक्रम में बदनाम हुआ, उसी थाने के नए सदस्यों ने मिलकर दिनेश बिश्नोई को दबोचने में बड़ी भूमिका निभाई।

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अब खुलेंगे कई राज

 

दिनेश बिश्नोई की गिरफ्तारी के बाद कई राज खुल सकते हैं। उससे पूछताछ में ही साफ होगा कि कांस्टेबल मनोज और भागीरथ की कितनी भूमिका रही है? दलित महिला का गैंगरेप किया गया था या फिर उसे बार-बार परेशान किया जा रहा था? ये भी स्पष्ट होगा कि किस-किस की कितनी भूमिका रही है। दिनेश को शनिवार को ही अदालत में पेश किया जाएगा, ऐसे में प्रथम दृष्ट्या वो अपना अपराध स्वीकार करता है या नहीं? इस बारे में भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

 

मांगकर मोबाइल करता था

 

फरारी के दौरान दिनेश बिश्नोई ने अपना मोबाइल वापस ऑन नहीं किया। वो जगह-जगह लोगों से मोबाइल मांगकर रिश्तेदारों व दोस्तों को फोन करता था। उसके सभी रिश्तेदारों और मित्रों ने सहयोग से मना कर दिया। पुलिस को पता चल गया कि वो संपर्क कर रहा है। ऐसे में जिन-जिन लोगों ने उसे फोन दिया था, उनसे पुलिस ने पूछताछ की। इसी से पता चला कि वो राजस्थान से बाहर नहीं है।

 

खाजूवाला पुलिस की खास भूमिका

 

इस गिरफ्तारी में खाजूवाला पुलिस थाने की सर्वाधिक बदनामी हुई। अब दिनेश बिश्नोई को पकड़ने में भी इसी थाने की खास भूमिका रही। दरअसल, थाने के अधिकांश पुलिसकर्मियों को बदल दिया गया था। आरपीएस ऑफिसर चंदन ट्रेनिंग पीरियड में थानाधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे में थानाधिकारी चंदन गुप्ता, उप निरीक्षक रामगोपाल, उप निरीक्षक नरेंद्र और कांस्टेबल प्रदीप ने दिनेश बिश्नोई से जुड़े हर प्वाइंट काे पकड़ा। उसके हर दोस्त, रिश्तेदार पर नजर रखी गई।