राजेंद्र सिंह गुढ़ा की बसपा में नो एंट्री, BSP प्रदेश अध्यक्ष ने बताया धोखेबाज

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Last Updated on 22, July 2023 by Sri Dungargarh News

श्रीडूंगरगढ़ न्यूज : राजस्थान में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर गहलोत सरकार में मंत्री बने राजेंद्र सिंह गुढ़ा की घर वापसी नहीं होगी। राजस्थान बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा समेत 6 विधायकों को पार्टी में वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि गुढ़ा ने दो बार पार्टी के साथ विश्वासघात किया है। ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र गुढ़ा बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। गुढ़ा के साथ 5 विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो गए। सीएम गहलोत ने गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है। बड़ा सवाल यह है कि गुढ़ा निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर किसी राजनीतिक दल में शामिल होंगे। गुढ़ा कहते रहे हैं कि वह अपने चेहरे के आधार पर चुनाव जीतते हैं। किसी पार्टी के मोहताज नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि बसपा में नो एंट्री के बाद निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे।

 

निर्दलीय ताल ठोके सकते हैं गुढ़ा 

 

राजेंद्र गुढ़ा ने अब तक 3 चुनाव लड़े हैं, जिनमें से गुढ़ा 2 चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. खास बात यह है कि जो दो विधानसभा चुनाव 2008 और 2018 में राजेंद्र गुढ़ा जीते हैं। दोनों ही बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीते हैं और जब उन्होंने 2013 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा तो उन्हें हार नसीब हुई। यह अलग बात है कि जीतने के साथ ही राजेंद्र गुढ़ा दोनों बार बसपा के विधायकों को लेकर कांग्रेस में शामिल हुए और दोनों बार मंत्री भी बने। पिछले दिनों गुढ़ा ने जयपुर दौरे के दौरान ओवैसी से मुलाकात की थी। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि गुढ़ा ओवैसी की पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

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गुढ़ा की कांग्रेस से विदाई तय

 

उदयपुरवाटी विधानसभा, जहां से राजेंद्र गुढ़ा दो बार चुनाव जीते है। उदयपुरवाटी विधानसभा के जातिगत और राजनीतिक समीकरण ऐसे हैं जिनमें राजेंद्र गुढ़ा के लिए यही बेहतर है कि वह कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के टिकट से चुनाव नहीं लड़ कर किसी तीसरी ताकत के साथ चुनाव लड़े। अब चुनाव से ठीक पहले राजेंद्र गुढ़ा ने जिस तरह गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया वह सब बताता है कि राजेंद्र गुढ़ा खुद नहीं चाहते कि वह कांग्रेस के साथ रहें। गुढ़ा से कांग्रेस की विदाई तय मानी जा रही है।

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