बीकानेर: गैंगेस्टर राजू ठेहट की हत्या के मामले में नौ महिने पहले ही उसकी हत्या की साजिश रची गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या की साजिश लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ने 9 महीने पहले अप्रैल में बीकानेर के लूणकरणसर में रची थी।
इसके लिए रोहित ने शूटर्स को 10 अप्रैल को लूणकरणसर बुलाया था। फिर शूटर्स को सीकर जाने के लिए कहा था। उसने शूटर्स को कहा था एक बड़े अपराधी को मारने का टारगेट है। इन शूटर्स में हरियाणा के सतीश मेघवाल और जतिन कुम्हार समेत एक नाबालिग को शामिल था। रोहित ने उनको सीकर में अपने गुर्गे मनीष जाट के पास भेजा था। राजू ठेहट हत्याकांड की चल रही जांच पड़ताल के दौरान इस साजिश की परतें खुली हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मनीष ने ही तीनों शूटर्स को सीकर के एक कोचिंग संस्थान में दाखिला दिलवाया था। फिर एक पीजी हॉस्टल में रखा और रुपये दिए। हत्या से पहले रोहित ने योजनाबद्ध तरीके से मनीष तक हथियार पहुंचाये। उसने राजू ठेहट को शूटआउट करने की पूरी जिम्मेदारी मनीष जाट को ही सौंपी थी। राजू ठेहट की हत्या से 5 दिन पहले शूटर विक्रम ने तीन शूटर्स को सीकर के बामरड़ा में फार्म हाउस में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी।
मनीष ने कोचिंग-हॉस्टल में प्रवेश दिलवाने, पैसा लाने सहित अन्य काम करवाए। रोहित गोदारा ने मनीष के पास अपने गुर्गे को भेजकर हथियार भिजवाए। मनीष ने नाबालिग के साथ ही आरोपी जतिन उर्फ जॉनी को कम उम्र के कारण कोचिंग में प्रवेश दिलवाया। शूटर सतीश मेघवाल, जतिन कुम्हार व नाबालिग ने पहली बार ही हत्या को अंजाम दिया है।
आरोपी हिस्ट्रीशीटर मनीष जाट व विक्रम गुर्जर ने हरियाणा के सराय क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर राजेश बरगड़ उर्फ राजेश लीडर के फार्म हाउस में पनाह ली थी।आरोपियों ने फरारी काटने की प्लानिंग पहले ही कर ली थी। जब पुलिस टीमों ने इनका पीछा किया तो वे अंधेरे का फायदा उठाकर पहाडिय़ों के पास खेतों में छुप गए थे। विक्रम गुर्जर और मनीष जाट तीनों शूटर्स से सीकर में तीन से चार बार मिलने आए थे।
इस घटनाक्रम को लेकर कई पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं। अन्य लोगों के पकड़ में आने पर कई खुलासे होने की उम्मीद है।
– कुंवर राष्ट्रदीप, एसपी, सीकर