क्या भाजपा के इन दिग्गज नेताओं मिलेगी कैबिनेट में जगह या सिर्फ ही रह जाएंगे विधायक?

राजस्थान में भाजपा एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है, जहां अब पुराने से ज्यादा नए पर विश्वास किया जा रहा है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर नई पीढ़ी को जिम्मेदारी मिलती है तो दिग्गजों का क्या होगा?

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Rajasthan Politics: राजस्थान में भाजपा एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है, जहां अब पुराने से ज्यादा नए पर विश्वास किया जा रहा है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर नई पीढ़ी को जिम्मेदारी मिलती है तो दिग्गजों का क्या होगा? क्या उन्हें नई जगह एडजस्ट किया जाएगा या वो सिर्फ विधायक बनकर ही रह जाएंगे.Rajasthan Politics

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दरअसल राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से तस्वीर बदली, उससे साफ हो गया है कि राजस्थान में भाजपा अब जेनरेशनल चेंज के दौर से गुजर रही है यानी अब कमान भजनलाल शर्मा, दीया कुमारी और प्रेमचंद बेरवा जैसे नए दौर के नेताओं के हाथ में है. लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या दिग्गज नेताओं को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी या वह सिर्फ विधायक बनकर रह जाएंगे.

वसुंधरा राजे

राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे की जगह इस बार भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया है, अब तक वसुंधरा राजे को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई है. ऐसे में क्या वसुंधरा राजे सिर्फ विधायक बन कर रहेंगी या उन्हें प्रदेश के बाहर कोई दूसरी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसकी तस्वीर अभी साफ नहीं हो सकी है.

किरोड़ी लाल मीणा

किरोड़ी लाल मीणा भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में से एक है, उन्हें राज्यसभा सांसद रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़वाया गया और अब वह राजस्थान विधानसभा के सदस्य हैं. किरोड़ी लाल मीणा को भी लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे, माना जा रहा था कि उन्हें कम से कम डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी जाएगी, लेकिन इस मौजूदा सरकार में किरोड़ी लाल मीणा की क्या भूमिका होगी, इस पर अभी सबसे बड़ा सवाल है.

कालीचरण सराफ

भाजपा ने कालीचरण सराफ को प्रोटेम स्पीकर तो बनाया है लेकिन नए स्पीकर के चुनाव तक ही प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी होती है, इसके बाद क्या कालीचरण शराब को भजनलाल सरकार में कोई अहम दायित्व मिलेगा या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल है. कालीचरण सराफ कई बार के विधायक और मंत्री रह चुके हैं, उनकी वसुंधरा राजे से करीबी किसी से छुपी हुई नहीं है.

वहीं अनीता भदेल, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, ओटाराम देवासी समेत कई दिग्गज नेताओं के साथ-साथ सांसद से विधायक बने बाबा बालक नाथ, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को क्या जिम्मेदारी दी जाती है, इस पर सबकी नजर रहेगी.