आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी औषधालय के भवन निर्माण का शिलान्यास

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श्री डूंगरगढ़ न्यूज़: श्रीडूंगरगढ़ शनिवार को आचार्य श्री तुलसी महाप्रज्ञ साधना संस्थान के तत्वावधान में धोलिया नोहरा के सामने श्रीधर्मचन्द्रजी पुगलिया की भूमि पर शुभ मुहूर्त में आचार्य महाश्रमण जी की परम विदुषी शिष्या चरितार्थ प्रभाजी के मंगल पाठ के उपरांत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी औषधालय की नींव रखी गई। नींव रखने का शुभ कार्य श्रीमती किरणदेवी तथा उनके सुपुत्र श्री भीखमचंद पुगलिया तथा पुत्रवधू सुशीला देवी पुगलिया ने किया।

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नगर के गणमान्य जनों में श्याम महर्षि, कलकता से पधारे अमरचंद पुगलिया, मालचंद सिंघी, मदन जोशी तथा श्रद्धानिष्ठ श्रावक धनराज पुगलिया, माणकचंद पुगलिया श्री गोपाल राठी, शिव स्वामी, अशोक बैद, तेजकरण डागा, प्रदीप पुगलिया, अभिजित पुगलिया, तोलाराम पुगलिया, निर्मल पुगलिया, सत्यदीप, बजरंग शर्मा, नरेन्द्र डागा, निर्मल डागा,, सूर्य प्रकाश गांधी, कमल सोमानी, श्रवण सिन्धी, तोलाराम मारू, डाॅ के के व्यास, के एल जैन, प्रकाश संजय बरड़िया, नारायण गोलछा, भंवरलाल दूगड़, विजय महर्षि, राजकरण तातेड़, पांचीलाल सिंघी, महिला मंडल अध्यक्ष मंजू देवी बोथरा, श्रद्धा की प्रतिमूर्ति राजूदेवी पुगलिया तथा कमलादेवी बरड़िया व मिडिया बन्धुओं की गरिमामय उपस्थिति रही।

इस अवसर पर धनंजय मुनि ने कहा कि औषधालय निर्माता परिवार के श्री भीखमचंद जी पुगलिया को मैं शुरू से जानता हूं, वे शांत-सरल- उदारमना व्यक्ति हैं। सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टियों से ये समाज के लिए उपादेय हैं। इनके भीतर में सदैव जन हित के कार्य करने की वृत्ति रहती है। जन कल्याण की वृत्ति की प्रेरणा भीतर से पैदा होती है। यह संस्थान पीड़ित मानवता के लिए बड़ा उपयोगी रहेगा।

इस अवसर पर श्री भीखमचंद पुगलिया ने बताया कि यहां श्रीडूंगरगढ़ में पूर्व से जो होम्योपैथिक औषधालय चल रहा है, उसकी प्रति दिन 250-300 की ओपीडी है और वह एक निजी मकान में चल रहा है। कई दिनों से विचार चल रहा था कि एक सुगम स्थान पर होम्योपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण हो। मेरे पिताजी के सूक्ष्म आदेश तथा माताजी की प्रेरणा से यह कार्य प्रारंभ हो रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि आचार्य श्री महाश्रमण के पवित्र चरण इसी धरा पर पड़े हैं तथा वे यहां मंगलीक सुना चुके हैं।

जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष विजयराज सेठिया ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि औषधालय का शिलान्यास से पूरे शहर को प्रसन्नता हुई है। यह एक जनोपयोगी कार्य है।

 

श्रीमती सुशीलादेवी पुगलिया ने कहा कि तेरापंथ भवन के पास चिकित्सालय के निर्माण सामान्य जन और साधु संत सभी के लिए उपयोगी रहेगा।

भीखम चंद जी पुगलिया द्वारा तेरापंथ भवन धोलिया नोहरा में 17 दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर भी लगाया था। जिसमें बीकानेर जिले के अलावा अन्य जिलों के जरूरतमंद लोगों ने स्वास्थ्य लाभ लिया था।