Last Updated on 19, June 2023 by Sri Dungargarh News
श्री डूंगरगढ़ न्यूज़ : कुरीति के अंधेरे में भी जब उम्मीद का उजाला प्रकट होता है, तो वह समाज के लिए वास्तविकता और प्रेरणा की एक स्रोत बनता है। बद्रीराम मेघवाल की मृत्यु एक ऐसी दुखद घटना है जो उनके परिवार और समाज को गहरी चोट पहुंचाती है, लेकिन उनके परिवार की उदारता और सेवा भावना ने उन्हें सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रेरित किया है।
इस दुखद समय में, बद्रीराम के परिवार ने मृत्युभोज करने की परंपरा को त्याग करके एक प्रेरणादायक निर्णय लिया है। इसके बजाय, उन्होंने गांव धर्मास में एक विश्रामालय का निर्माण करवाने का निर्णय लिया है, जो समाज के अनुकरणीय उदाहरण के रूप में कार्य करेगा। इसके साथ ही, उन्होंने बद्रीराम की स्मृति में एक निधि स्थापित की है, जिसका उपयोग मेघवाल समाज की भावी पीढ़ी की शिक्षा का समर्थन करने और सार्वजनिक स्थलों पर पौधारोपण के लिए किया जाएगा।
8 जून को गांव के बद्रीराम मेघवाल को एक बस द्वारा टक्कर मार देने के बाद वे पीबीएम में 4 दिन मौत से संघर्ष करते रहें। आखिरकार 13 जून को वे जीवन से जंग हार गए
मृतक के पुत्र श्रवणराम, पद्माराम व जेठाराम मेघवाल ने इस निर्णय को मान लिया की मृत्युभोज नहीं किया जाएगा। परिवार के राजूराम ने बताया कि दिवंगत परिजनों की स्मृति में समाज के श्मशान भूमि पर विश्रामालय का निर्माण करवाया जा रहा है। वहीं बद्रीराम की स्मृति में मृत्युभोज के स्थान पर इस राशि का उपयोग मेघवाल समाज की भावी पीढ़ी की शिक्षा में सहयोग के लिए व सार्वजनिक स्थलों पर पौधारोपण के लिए खर्च करने की बात तय की गई
भीम आर्मी श्रीडूंगरगढ़ तहसील संयोजक संदीप जयपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान समाज के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें व सभी ने इस पहल को समाज के अनेक घरों तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया जिससे समाज प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकें।