कुर्सियां बन गई छत, अव्यवस्थाओं की भरमार,आखिर कौन जिम्मेवार ?

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श्री डूंगरगढ़ न्यूज़ बीकानेर: प्रधानमंत्री कुछ ही घंटे के आज बीकानेर दौरे पर रहे। जिसके लिए भाजपा बीते करीब एक सप्ताह से तैयारियां कर रही थी। पीएम बीकानेर आए और बीकानेरी रंग में रंगे हुए दिखाई दिए। इस दौरान पीएम मोदी ने सियालो सीकर भलो और ऊनालो अजमेर,मारवाड़ नित रो भलों और सावण बीकानेर से अपनी बात शुरू की। इस दौरान पीएम ने बीकानेर के आराध्य देवोंं के प्रति भी अपनी श्रद्धा व्यक्त की। पीएम मोदी ने अपने उद्बोधन में कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर हमला किया। मोदी के कार्यक्रम को लेकर सुबह से ही आमजन में उत्साह देखा गया और हजारों की संख्या में लोग सभास्थल पर 12 बजे तक ही पहुंच गए थे। एक बजते-बजते तो बैठने के लिए लगाई गई कुर्सियां फुल हो गयी। लोग फिर भी पीएम मोदी को देखने और सुनने के इंतजार में बारिश,धूप में भी बेफ्रिक होकर बैठे नजर आए।

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अव्यवस्थाओं की भरमार,आखिर कौन जिम्मेवार
अव्यवस्थाओं की भरमार,आखिर कौन जिम्मेवार

अव्यवस्थाओं की भरमार,आखिर कौन जिम्मेवार

सभास्थल पर भीड़ तो अच्छी खासी संख्या में नजर आई लेकिन अव्यवस्था के चलते यह भीड़ सभास्थल पर रूक नहीं पाई। सभास्थल पर बैठने के लिए लगाई गई कुर्सिया कम पड़ गई लेकिन व्यवस्था संभाल रहे लोगों में से किसी ने भी अन्य वाहनों में रखी कुर्सियों को नीचे उतारकर जनता के लिए लगाना भी ठीक नहीं समझा जिसके चलते आमजन परेशान होता रहा। कुछ ऐसा ही हाल डोम के अंदर का था। जहां पर आमजनता को रिझाने के लिए फंव्वारे लगाएं गए थे लेकिन डोम के अंदर लगाए गए दर्जनों पंखे बंद ही पड़े थे। जो कि पूरी सभा के दौरान बंद ही दिखाई दिए। जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने जनता से माफी मांगते हुए कहा था कि हमें माफ करना की किसी कारण से पंखे चल नहीं पा रहे है। ऐसा ही हाल साउंड सिस्टम का था। सभा स्थल पर लगाया साउड सिस्टम इतनी निम्न स्तर का था कि साउंड की आवाज डोम के बाहर भी ठीक ढग़ से नहीं आ पा रही थी। डोम के बाहर लगाई गई आवाज के लिए र्तुरी भी बंद ही पड़ी थी। जनता के बैठने के लिए बनाया गया डोम भी आधा कवर किया गया था ओर आधा बिना कवर किए ही छोड़ दिया गया। बारिश के दौरान इस अव्यवस्था के चलते हजारों लोग भीगते हुए नजर आए और व्यवस्थापकों को खरी-खरी सुनाते हुए भी दिखाई दिए।

बारिश के दौरान बैठने की कुर्सियां बन गई छत

बारिश के दौरान बैठने की कुर्सियां बन गई छत
बारिश के दौरान बैठने की कुर्सियां बन गई छत

सभास्थल के पास बनाए गए हैलीपेड पर जैसे ही पीएम मोदी पहुंचे तो बारिश शुरू हो गयी। जो कुछ ही सैंकड़ों में तेज हो गयी। इस दौरान कुर्सियों पर बैठे लोगों को आस थी कि ऊपर डोम के कारण कवर होगा और वो भीगने से बच जाएंगे लेकिन हुआ उल्टा। खुले डोम के नीचे बैठे लोगों को कुर्सियों से खड़ा होना पड़ा और छत के रूप में ऊपर करना पड़ा। जिसके चलते सभास्थल में अव्यवस्था हो गयी।

महिलाओं की संख्या ना के बराबर
पीएम की सभा के लिए बनाए गए डोम में महिलाओं के लिए आगे अलग से ब्लॉक रखा गया था। जिसमें महिलाओं के बैठने की व्यवस्था थी लेकिन महिलाओं के लिए बनाए गए ब्लॉक अधिकांश खाली ही दिखाई दिए। जो कुछ भी महिलाएं दिखाई दी उनमें से अधिकतर तो भाजपा की पदाधिकारी थी। आम गृहिण्यिों की संख्या ना के बराबर थी।

पास तो बन गए लेकिन जाएं कैसे
पीएम की सभा के दौरान स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं के पास अलग-अलग श्रेणी के कई तरह के पास थे। सभास्थल पर भीड़ और अव्यवस्था के चलते इन कार्यकर्ताओं को उनके लिए तय की गई जगह पर ले जाने वाला या फिर बताने वाला कोई नहीं था। सुरक्षाकर्मी भी अनभिज्ञता जाहिर कर रहे थे की उन्हें कुछ भी पता नहीं है।

पानी के लिए दिखे सैकड़ों टैंकर
सभास्थल पर आमजन के लिए पानी की व्यवस्था तो थी लेकिन वो नाकाफी थी। क्योंकि पीने के पानी के लिए सभास्थल पर पानी के टैंकरों की व्यवस्थी की गई थी। कई जगह पर तो दर्जनों टैंकर एक साथ खड़े थे तो कई जगह पर दूर-दूर तक कोई पानी की व्यवस्था नहीं थी। इस दौरान पुलिसकर्मी भी पानी के लिए परेशान होते नजर आए और आमजन से पीने के पानी के लिए सहयोग मांगते हुए भी दिखाई दिए।

भारतमाला सड़क पर लोगों का हुजूम
सभा स्थल के बिल्कुल सामने बनी भारतमाला सड़क पर लोगों का हुजूम देखने को मिला। हजारों की संख्या में लोग सड़क पर ही रूक गए और पूरे पांडाल को अपनी नजरों से देख रहे थे। इस दौरान पूरी भारतमाला सड़क पर लोगों का हुजूम दिखाई दिया। जिनमें युवा और बच्चों के साथ-साथ बुजुर्ग भी दिखाई दिए।

शहरी फिसड्डी तो ग्रामीण ने रखी लाज
सभा के दौरान शहरी क्षेत्रों से लोग कम ही नजर आए। इस दौरान ग्रामीण आंचल के लोग बड़ी संख्या में नजर आए। सभा में शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण आंचल से आने वाले लोगों की संख्या अधिक रहीं। ऐसे मेंं माना जा सकता है कि ग्रामीण आंचल से आने वाले लोगों ने लाज रख ली।

 

कहा ये तो मोदी है जने आया हां
सभास्थल पर ऐसे अनेक लोग दिखाई दिए जिन्हें ना तो भाजपा के नेताओं से मतलब था ओर ना ही दूसरे वक्ताओं से। वो तो कहते हुए दिखाई दिए की ये तो मोदी आया है तो हम आएं वरना हमें क्या करना है। ऐसे में सभास्थल पर पहुंची भीड़ में मोदी का क्रेज देखने को मिला। कई लोग ऐसे भी थे जो कह रहे थे की ये तो मोदी को देखने वालों की भीड़ की है। यहां के नेता इससे दस प्रतिशत भीड़ भी करके दिखा दे हम मान लेंगे।

 

 

पदाधिकारियों ने मौके पर ही कर दी राठौड से शिकायत
भाजपा के कुछ पदाधिकारियों के लिए मोदी से मिलने के लिए पास बनवाएं गए थे ताकि वो कुछ पल मोदी के साथ बात कर सकें। उनके लिए बाकायदा पास बनाए और उन्हें दिए गए। ऐसे में पास हाथ में थे और देश के सबसे बड़े नेता के साथ वन टू वन होने की बात थी तो भाजपा के पदाधिकारी उत्साह में थे लेकिन जैसे ही सभास्थल पर पहुंचे तो मोदी के हैलीपेड का रास्ता ढूढने लगे।

घंटों की मशक्कत के बाद भी जब हैलीपेड पर नहीं पहुंच पाए तो निराश हो गए। इस दौरान रैली खत्म होने के बाद जैसे ही नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड अपनी गाड़ी में बैठकर जा रहे थे तो भाजपा के पदाधिकारियों ने उन्हें रोक लिया और कहा कि हमारे लिए पाास बना था लेकिन कुछ लोगों की नादरशाही के चलते उन्हें मौका नहीं मिल पाया ये सरासर अन्यास है। जिस पर राठौड कुछ नहीं बोले और सभा के सफल आयोजन की बधाई देते हुए निकल गए।

राजे का भाषण ना होना बना चर्चा का विषय
सभास्थल पर सभी नेता एक के बाद एक करके बोल रहे थे। ऐसे में राजस्थान की दो बार सीएम रह चुकी वसुंधरा राजे के समर्थक भी अपनी नेता के भाषण का इंतजार कर रहे थे। उनका इंतजार बढ़ता जा रहा था लेकिन जैसे ही पीएम ने भाषण देना शुरू किया तो उनकी आस भी जवाब देने लग गयी। जिसके बाद चर्चा तेज हो गयी की आखिर मेडम को क्यों नहीे बुलवाया गया। हालांकि चर्चा तो एक और ये भी है कि मैडम पीएम मोदी के साथ हेलीकॉप्टर में साथ आई थी लेकिन पुष्टि किसी ने नहीं की।