नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekar) ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) को आज आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि राजन ने आरबीआई गवर्नर के पद पर रहते हुए पूरे बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद कर रख दिया था। राजन अक्सर मोदी सरकार की नीतियों का आलोचना करते रहते हैं। हाल में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी पीएलआई स्कीम (PLI Scheme) पर सवाल उठाए थे। एक रिसर्च नोट में उन्होंने कहा कि यह ऐसी योजना है जो फेल हो जाएगी। सरकार ने देश में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए विभिन्न सेक्टर्स के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की प्रॉडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव स्कीम्स शुरू की है।
राजन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे
राजन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे। उस दौरान राहुल गांधी के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया था कि अगल फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में भारत पांच फीसदी जीडीपी ग्रोथ भी हासिल करता है तो उसके लिए यह भाग्यशाली होगा। हाल में आए आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी रही। इसके बाद से ही रघुराम राजन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। चंद्रशेखर ने कहा, ‘वह तय कर लें वह असफल राजनेता हैं या असफल अर्थशास्त्री? हम सब जानते हैं कि जब वह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर थे तो उन्होंने पूरे बैंकिंग सिस्टम और फाइनेंशियल सेक्टर को बर्बाद कर रख दिया था।’
भ्रष्टाचार की दुकान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के 10 साल ‘खोए हुए दशक’ रहे और इस दौरान उसके ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ देखी गई। ‘मोहब्बत की दुकान’ के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नारे पर तंज कसते हुए चंद्रशेखर ने उन्हें ‘शानदार विदेशी पर्यटक’ करार दिया। इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि भारत अपने इतिहास में ‘सबसे महत्वपूर्ण’ दौर का सामना कर रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री के निर्णायक और प्रभावी नीतिगत फैसलों के कारण यह नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है।
केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा, ‘अगर हम 2004 से 2014 तक की अवधि को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुई प्रगति के नजरिए से देखें तो इसके लिए सबसे उपयुक्त विवरण ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ होगा। यह वह दौर था जब 2-जी घोटाला हुआ, एंट्रिक्स-देवास घोटाला हुआ… निवेशक भारत छोड़ रहे थे और बीएसएनएल पूरी तरह से बर्बाद हो गया था।’ उन्होंने कहा, “संप्रग का 2004-2014 का दशक बर्बाद हो गया और प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के साथ शुरू होने वाला दशक भारत के तकनीकी विशेषज्ञों का दशक है। भारत आज दुनिया का सबसे तेज 5-जी अभियान देख रहा है। हमारे पास उच्च स्तर के स्वदेशी 5-जी कलपुर्जे हैं।’