Shardiya Navratri 2023 3rd Day : 17 अक्टूबर को नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है पूजा, जानें विधि और कथा

Shardiya Navratri 2020 3rd Day : 19 अक्टूबर को नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है पूजा, जानें विधि और कथा
Shardiya Navratri 2020 3rd Day : 19 अक्टूबर को नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है पूजा, जानें विधि और कथा
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Shardiya Navratri 2023 3rd Day : शारदीय नवरात्रि का 17 अक्टूबर 2023, मंगलवार को तीसरा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। माता रानी के मस्तक में घण्टे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान हैं, इस वजह से मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा। ( Shardiya Navratri 2020 3rd Day )

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मां चंद्रघंटा का स्वरूप- मां चंद्रघंटा की सवारी शेर है। दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं। माथे पर अर्ध चंद्र ही इनकी पहचान है। इनके कंठ में श्वेत पुष्प की माला और शीर्ष पर रत्नजड़ित मुकुट विराजमान है। माता चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती हैं।

मां चंद्रघंटा मंत्र-

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।”

आज के शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 ए एम से 05:33 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 05:08 ए एम से 06:23 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:43 ए एम से 12:29 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:01 पी एम से 02:47 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:50 पी एम से 06:15 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05:50 पी एम से 07:05 पी एम
अमृत काल- 11:23 ए एम से 01:02 पी एम
निशिता मुहूर्त- 11:41 पी एम से 12:32 ए एम, अक्टूबर 18
रवि योग- 08:31 पी एम से 06:23 ए एम, अक्टूबर 18

मां चंद्रघंटा की पूजा करने के लाभ– मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मन को शांति प्राप्त होती है। मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप की अराधना करने से परम शक्ति का अनुभव होता है। मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध का प्रयोग करना परम कल्याणकारी होता है।

मां चंद्रघंटा पूजा विधि-

  • सुबह सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर माता का ध्यान करें।
  • मां दुर्गा को फूल, अक्षत, रोली और पूजा की सामग्री अर्पित करें।
  • माता की आरती उतारें।आरती के दौरान शंख और घंटा बजाएं, मान्यता है कि ऐसा करने से घर की नेगेटिविटी दूर होती है।
  • अब माता रानी को भोग लगाएं।
  • आप मां चंद्रघंटा की कथा या दुर्गा स्तुति या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं।

मां चंद्रघंटा प्रिय रंग-मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है।मां चंद्रघंटा का प्रिय पुष्प-मान्यता है कि मां चंद्रघंटा को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मां चंद्रघंटा की आरती ( Shardiya Navratri 3rd Day ) Maa Chandraghanta Aarti )

मां चंद्रघंटा की आरती Maa Chandraghanta Aarti
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती
चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।